गारमेंट्स इंडस्ट्री को आर्डरों की भरमार

औद्योगिक नगरी लुधियाना की गारमेंट्स इंडस्ट्री का सबसे पीक समय विटर गारमेंट्स की बिक्री का समय आ गया है। इस बार कोविड संकट के चलते लॉकडाउन और लेबर की शार्टेज ने इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 01:27 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 02:54 AM (IST)
गारमेंट्स इंडस्ट्री को आर्डरों की भरमार
गारमेंट्स इंडस्ट्री को आर्डरों की भरमार

मुनीश शर्मा, लुधियाना : औद्योगिक नगरी लुधियाना की गारमेंट्स इंडस्ट्री का सबसे पीक समय विटर गारमेंट्स की बिक्री का समय आ गया है। इस बार कोविड संकट के चलते लॉकडाउन और लेबर की शार्टेज ने इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।

सितंबर माह तक डिस्पैचिग पूरी करने वाली इंडस्ट्री इस समय प्रोडक्शन के लिए दो चार हो रही है। इसके साथ ही पिछले साल का बैकलॉग भी इंडस्ट्री के पास नहीं है। ऐसे में इस बार इंडस्ट्री जितना मैटीरियल बनाएगी, वह उतना ही सेल कर लेगी। ऐसे में हर उद्यमी इस बेहतर मौके को भुनाना चाहता है। गारमेंट्स इंडस्ट्री को विटर सीजन को लेकर अच्छे आर्डर भी प्राप्त हुए हैं। इस बार प्रोडक्शन समय पर न होने से इन आर्डरों का भुगतान करने को लेकर इंडस्ट्री संशय में हैं। इस चुनौती के बीच इंडस्ट्री ने इस समय बंपर प्रोडक्शन की ओर फोकस है और कई यूनिट्स दो शिफ्टों में चलाए जा रहे हैं।

ड्यूक फैशन इंडिया के ब्रांड मैनेजर गगन जैन के मुताबिक इंडस्ट्री के लिए यह समय अवसर के साथ चुनौती वाला भी है। विटर वियर की बात करें, तो इस बार बैकलॉग न के बराबर है और नई प्रोडक्शन के लिए लॉकडाउन, रॉ मैटीरियल की किल्लत और लेबर की समस्या से है। ऐसे में इस समय पूरी होने वाली डिस्पैचिग भी देरी से हो पा रही है। लुधियाना उद्योग समय पर डिस्पैचिग को लेकर जुटी है और इसे कवर कर लिया जाएगा।

कुद्दू निट प्रोसेस के एमडी विपिन मित्तल के मुताबिक इस बार विटर को लेकर अच्छे आर्डर है। लॉकडाउन की वजह से कई तकनीकी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। ऐसे में इस बार विटर की प्रोडक्शन ज्यादा समय तक जारी रहेगी। इसके साथ ही अगर मार्केट में उत्साह रहता है, तो नवंबर और दिसंबर में भी प्रोडक्शन जारी रहेगी। निटवियर क्लब के प्रधान दर्शन डावर ने कहा कि इस बार मांग ज्यादा है और प्रोडक्शन कम है। ऐसे में इस बार मांग को देखते हुए सेल पैटर्न में गिरावट देखने को मिलेगी। इस बार तो मांग पूरी कर दी जाए, यही बड़ी बात है। इसलिए कोविड के चलते बाजार के हालातों पर निर्भर करता है कि कंपनियां सेल पैटर्न पर आती है या नहीं। यह समय इंडस्ट्री के लिए पीक प्रोडक्शन का है।

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