ICMR की टीम दोराहा, माजरी व बद्दोवाल पहुंची, लोगों की सहमति से लिए ब्‍लड सैंपल

टीम ने इन सभी इलाकों से 40-40 लोगों के सैंपल लिए। टीम ने इलाकों में जाकर लोगों की सहमति से उनके ब्लड सैंपल लिए।

By Sat PaulEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 01:46 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 04:32 PM (IST)
ICMR की टीम दोराहा, माजरी व बद्दोवाल पहुंची, लोगों की सहमति से लिए ब्‍लड सैंपल
ICMR की टीम दोराहा, माजरी व बद्दोवाल पहुंची, लोगों की सहमति से लिए ब्‍लड सैंपल

लुधियाना, [आशा मेहता]। कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव और लोगों में इस रोग की प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति का आकलन करने के लिए सीरो सर्वे के तहत मंगलवार को आइसीएमआर की टीम बद्दोवाल कैंट, दोराहा व माजरी में पहुंची। टीम ने इन सभी इलाकों से 40-40 लोगों के सैंपल लिए। टीम ने इलाकों में जाकर लोगों की सहमति से उनके ब्लड सैंपल लिए।

जानकारी के मुताबिक टीम घुगराली, बाजरा व खैरा में भी जाएगी। टीम लुधियाना में सोमवार शाम को आ गई थी। सीरो सर्वे के लिए लुधियाना को 10 क्लस्टर में विभाजित किया गया है। प्रत्येक क्लस्टर से 40-40 लोगों की रैंडम सैंपलिंग होगी। कुल 400 सैंपल लिए जाएंगे। जिसमें से प्लाज्मा अलग करके केंद्रीय स्तर पर आइसीएमआर के चेन्नई स्थित संस्थान में विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा। इस विश्लेषण से मानव में एंटीबॉडी की सीमा को समझना आसान हो जाएगा।

इस सर्वें से यह पता लग जाएगा कि कम्यूनिटी में किस स्तर पर कोरोना वायरस का एक्सपोजर हुआ है। इसमें इंडव्यूजवल पेशेंट का रिजल्ट नहीं आएगा। पहले नेशनल लेवल पर सर्वे रिपोर्ट कंपाइल होगी। स्टेट वाइज डेटा बनेगा। फिर वो बताएंगे कि किस स्टेज में एक्सपोजर हुआ है। उम्र के हिसाब से एंटी बॉडीज के बारे में अध्ययन किया जाएगा। सीरो सर्वे के लिए पंजाब के केवल चार जिलों का चयन किया गया।

सबसे पहले पटियाला में सर्वे हुआ, इसके बाद जालंधर में और फिर गुरदासपुर में। अब लुधियाना में होने जा रहा है। आईसीएमआर ने पंजाब में सर्वें के लिए ऐसे जिले चुने, जहां कोरोना वायरस के केस काफी अधिक थे और जहां कम थे। सर्वे के लिए पटियाला का नाम तब चुना गया, जब यहां केस कम थे। लेकिन अब यहां केस बढ़ गए हैं। 14 सदस्यीय यह टीम बुधवार को ही सारे सैंपल कलेक्ट कर लेगी।

देश के 21 राज्यों के 69 जिलों में आइसीएमआर की टीम सर्वें कर रही है। जिलों का चयन आइसीएमआर ने केंद्रीय स्तर पर जीपीएस आधारित क्लस्टर सेलेक्टर के माध्यम से किया है। विशेषज्ञ इनपुट मुहैया कराते हैं, अपेक्षित आंकड़ों को पढ़कर ऑटोमेटिक सेलेक्टर द्वारा स्थान का चयन किया जाता है। क्लस्टर का चयन भी आटोमेटिक सेलेक्टर के माध्यम से ही किया गया है। 

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