पहले गनमैन परेशान थे, अब विधायक सिमरजीत बैंस, पढ़ें लुधियाना की अाैर राेचक खबरें

बैंस ने दावा किया कि गनमैन हटाने के बाद उन्हें होमगार्ड दिए गए। उन्होंने बिना हथियारों वाले इन जवानों को लेने से मना कर दिया था। अब वे रोजाना बैंस के घर के सामने दूर बैठ जाते हैं और शाम को वहीं से लौट जाते हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 07:38 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 07:38 AM (IST)
पहले गनमैन परेशान थे, अब विधायक सिमरजीत बैंस, पढ़ें लुधियाना की अाैर राेचक खबरें
गनमैनों ने कह दिया था कि वह बैंस की सुरक्षा ड्यूटी नहीं करना चाहते। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [राजेश शर्मा]। राजनीतिज्ञों और पुलिसवालों में आपसी रजामंदी कम ही देखने को मिलती है। पिछले दिनों पटियाला में निहंग सिंहों द्वारा एएसआइ का हाथ काटे जाने पर लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के बयान ने हलचल मचा दी थी। हालांकि बैंस ने कहा भी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर बताया गया है। इससे नाराज उनके गनमैनों ने कह दिया था कि वह बैंस की सुरक्षा ड्यूटी नहीं करना चाहते और उन्हें वापस बुला लिया गया।

इसके बाद का मामला तो बैंस द्वारा हाई कोर्ट में लगाई एक अपील ने बयां कर दिया। बैंस ने दावा किया कि गनमैन हटाने के बाद उन्हें होमगार्ड दिए गए। उन्होंने बिना हथियारों वाले इन जवानों को लेने से मना कर दिया था। अब वे रोजाना बैंस के घर के सामने दूर बैठ जाते हैं और शाम को वहीं से लौट जाते हैं। मतलब बैंस को इनकी सिक्योरिटी पर भरोसा ही नहीं।

बंद हो गए जनाब के मैसेज

शिक्षा विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी से उनके दोस्त खासे नाराज थे। नाराजगी इतनी कि उन्होंने जनाब को सबक सिखाने के लिए तरकीब बनाई और सफलता भी मिली। किस्सा मजेदार है। जनाब ने वाट्सएप पर ब्राडकास्ट लिस्ट तैयार कर सभी दोस्तों को मैसेज भेजने शुरू कर दिए। दिक्कत यह थी कि पहला मैसेज तड़के ढाई बजे ही भेज देते थे। लिखते थे- उठो, अमृतवेला हो गया। नाम जप लो।

इससे परेशान दोस्तों ने कई बार आपत्ति भी जताई, पर सब बेअसर। दोस्तों ने सबक सिखाने को योजना बनाई। किसी दोस्त ने रात को 12 बजे तो किसी ने जनाब को एक बजे मैसेज भेजने शुरू कर दिए। परेशान जनाब ने दोस्तों से गिला करते हुए कहा, मैं रात को नौ बजे सो जाता हूं और आपके मैसेज मुझे डिस्टर्ब करते हैं। दोस्तों ने भी कह दिया, इसी तरह आपके मैसेज भी हमें तंग करते हैं। अब तब से मैसेज आने बंद हैं।

जब किसानों की रणनीति हुई फेल

आज के समय में भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता को घेरने से किसान चूकना नहीं चाहते। कृषि सुधार कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को रोष मार्च के साथ ही लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों को जानकारी मिली कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा वीरवार को महानगर आने वाले हैं। दुगरी में नए बनने वाले भाजपा के जिला मुख्यालय के शिलान्यास आयोजन में शमूलियत की जानकारी मिली थी। फिर क्या था, धरने पर बैठे किसान उन्हेंं घेरने की सोचने लगे।

प्रदर्शन करने पहुंचे किसान आपस में बातचीत कर रहे थे कि नड्डा को दुगरी में ही घेरा जाएगा। हालांकि बाद में उन्हें निराशा हाथ लगी, क्योंकि उनके पास पहुंची सूचना अधूरी थी। दरअसल, जेपी नड्डा ने पंजाब के 10 जिलों में बनने वाले भाजपा के नए जिला मुख्यालयों का शुभारंभ वर्चुअल तरीके से करना था। मगर कार्यक्रम ही रद हो गया।

बैंस समर्थकों और विरोधियों में तनातनी

लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस पर उनकी ही पड़ोसन ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दे डाली। एफआइआर दर्ज होते ही मामला मीडिया की सुॢखयों में छा गया। पीडि़त महिला ने मीडिया में पूरा मामला खूब बयां किया। उसने डिटेल में बताया कि कब, कहां, क्या हुआ। राजनीतिक पाॢटयों ने भी बैंस को इस मामले में आड़े हाथों लिया। हालांकि इस पूरे मामले में बैंस ने आरोपों को नकारते हुए इसे सत्ताधारियों की साजिश का नाम दिया।

अब यह कैसे हो सकता है कि हाईप्रोफाइल मामला हो और इंटरनेट मीडिया पर बहस न हो। फेसबुक से लेकर वाट्सएप ग्रुपों में मैसेज वायरल होने पर बैंस समर्थक व विरोधी भी आमने-सामने हो गए। समर्थकों ने बचाव किया तो विरोधियों ने खूब मसाले लगाकर न केवल कमेंट किए, बल्कि मीम्स भी बनाए। कई प्लेटफार्म तो ऐसे भी हैं, जिन पर गर्मागर्म बहस ने माहौल तनाव वाला बना दिया।

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