कृषि कानून के खिलाफ गरजे किसान, मोदी सरकार का पुतला फूंक किया प्रदर्शन

मोदी सरकार की अर्थी उठा कर ग्रामीण किसानों और मजदूरों द्वारा रोष मार्च करते हुए विभिन्न गांवों की चौपालों पर पुतले फूंके गए। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी बिना वोट डलवाए यह काले कानून पास करके भाजपा ने अपना असली चेहरा बेनकाब कर दिया है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 04:43 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 04:43 PM (IST)
कृषि कानून के खिलाफ गरजे किसान, मोदी सरकार का पुतला फूंक किया प्रदर्शन
मोदी सरकार के खिलाफ गांवों की चौपालों पर पुतले फूंके गए।

जगराओं (लुधियाना), जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों के नाम पर किसानी को पूर्ण तौर पर खत्म करने के लिए पेश किए गए काले कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों द्वारा गांव स्तर तक पुतला फूंक प्रदर्शन किए गए। मोदी सरकार की अर्थी उठा कर ग्रामीण किसानों और मजदूरों द्वारा रोष मार्च करते हुए विभिन्न गांवों की चौपालों पर पुतले फूंके गए।

कृषि संबंधी काले कानून रद करो, सरकारी खरीद जारी रखो, भाजपा की कारपोरेट पक्षी हुकूमत मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और लोगों को इन कानूनों को रद करवाने के लिए पंजाब की 31 किसान संगठनों के आह्वान पर 25 सितंबर को भारत समेत पंजाब बंद को सफल बनाने के लिए आगे आने का निवेदन किया गया। गांव गालिब कला, सवदी खुर्द, रामगढ़, मलसीहा भाईका, रसूलपुर, भुमाल आदि गावों में पुतला फूंक प्रदर्शन किए गए। इस मौके भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान हरदीप सिंह गालिब ने कहा कि लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी बिना वोट डलवाए यह काले कानून पास करके भाजपा ने अपना असली चेहरा बेनकाब कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब हरियाणा समेत देश के किसान हर कुर्बानी देकर इन काले कानूनों को रद करवाने के लिए संघर्ष करेंगे। यह प्रदर्शन इसी तरह आगे भी जारी रहेंगे। इस अवसर पर दर्शन सिंह, सुखदेव सिंह, सुरजीत सिंह, निर्मल सिंह, रामसरण और जगराज सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।

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