कम हुए सब्जियों के दाम, खराब होने के चक्‍कर में सस्‍ते रेट पर बेच रहे किसान

कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए कर्फ्यू के कारण हर चीज के व्‍यापार पर असर पड़ा है। दुकानें न खुल पाने से सब्जियों के कारोबार में कमी आई है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Mon, 11 May 2020 05:06 PM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 05:06 PM (IST)
कम हुए सब्जियों के दाम, खराब होने के चक्‍कर में सस्‍ते रेट पर बेच रहे किसान
कम हुए सब्जियों के दाम, खराब होने के चक्‍कर में सस्‍ते रेट पर बेच रहे किसान

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए कर्फ्यू के कारण हर चीज के व्‍यापार पर असर पड़ा है। दुकानें न खुल पाने से सब्जियों के कारोबार में कमी आई है। महागनर में सब्जियों की बिक्री कम हो जाने से सब्जियों के दाम में काफी गिरावट आई है।

फलों की सप्‍लाई कम पहुंच रही है, जिस वजह से फलों के दाम बढ़ गए हैं। घर-घर सब्जियों बेचने वाले रेहड़ी वालों की संख्‍या भी बढ़ गई है। रेहड़ी-फड़ी वाले गलियों में औने-पौने भाव में सब्जियों को बेच रहे हैं। लोग कोरोना वायरस के डर के कारण सब्जियां खरीदने में भी परहेज कर रहे हैं। सब्जियों की खपत कम हो जाने के कारण आढ़तियों को भी काफी नुकसाना उठाना पड़ रहा है।

आढ़ती एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान रिशु अरोड़ा और रेहड़ी-फड़ी फेडरेशन के प्रधान टाईगर सिंह का कहना है कि कोरोना के संकट की वजह से रिटेल बिक्री कम हो रही है। बाजार के हालात के अनुसार ही रेट तय किए जाते हैं। हर कोई चाह रहा है कि उसकी सब्जियां जल्‍दी बिक जाएं, जिसकी वजह से दामों पर काफी असर पड़ रहा है।

टाइगर सिंह का कहना है कि फल-सब्‍जी मंडी में वेंडरों की संख्‍या बढ़ गई है। दूसरे काम धंधे बंद हो गए हैं और नए लोग सब्‍जी बेचने के लिए आगे आ रहे हैं। जब तक लॉकडाउन व कर्फ्यू लागू रहेगा,तब तक ऐसी स्थिति ही बनी रहेगी। सभी रेहड़ी वालों का चाट टिक्की या अन्य सामान नहीं बिक रहा है जिससे तकरीबन लोग फल-सब्जी बेचने में जुट गए है। मार्केट खुलने के बाद वहीं वेंडर बच जाएंगे जो फल सब्जी का काम करते है।

किसानों की आर्थिक पर पड़ रहा असर, उधार दे रहे सब्जियां

नूरवाला गांव के किसान बलवीर सिंह और हंबड़ा गांव के किसान वरियाम सिंह कहना है कि कर्फ्यू व लॉकडाउन के कारण सप्‍लाई हर जगह नहीं हो रही है। खेतों में सब्जियां खराब हो रही हैं। अभी फ‍िलहाल समय में जैसे भी सब्‍जी बिक जाए, बेचनी पड़ रही है। कम दाम पर भी सब्‍जी बेची जा रही है और जो उधार पर लेने वाले हैं, वे उधार भी ले जा रही है। खेतों में सब्जियां सड़ने से तो अच्‍छा है कि कम दाम पर बिक जाएं या उधार ही ले जाए। कम से कम बाद में पैसे तो मिल जाएंगे। मांगट गांव के किसान अमरजोत सिंह ने कहा कि पुराने खरीददार नहीं आ रहे हैं। नए-नए वेंडर सब्जी लेने आते जरूर हैं, लेकिन रेट काफी कम लगा रहे हैं।

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