फेसबुक पर खुफिया एजेंसियों की नजर, खालिस्तान समर्थकों के होंगे अकाउंट बंद

एजेंसियां खालिस्तान को लेकर कमेंट करने वाले युवाओं के फेसबुक अकाउंट बंद करवाएगी, ताकि उनका विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों से सोशल मीडिया की जरिए संपर्क टूट सके।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 01 Dec 2018 08:33 PM (IST) Updated:Sat, 01 Dec 2018 09:10 PM (IST)
फेसबुक पर खुफिया एजेंसियों की नजर, खालिस्तान समर्थकों के होंगे अकाउंट बंद
फेसबुक पर खुफिया एजेंसियों की नजर, खालिस्तान समर्थकों के होंगे अकाउंट बंद

लुधियाना [अर्शदीप समर]। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) पिछले दो सालों से पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिशें कर रहा है। पिछले दो सालों के दौरान धार्मिक और आरएसएस नेताओं की हत्याएं और पिछले महीने अमृतसर स्थित सतसंग में बम धमाका इसके ताजा उदाहरण हैैं। इन सभी वारदातों को अंजाम देने के लिए केएलएफ ने पंजाब के युवाओं का ही प्रयोग किया।

केएलएफ फेसबुक के जरिए खालिस्तान के नाम पर पंजाब के युवाओं को अपने साथ जोड़ता है और उसके बाद उनसे वारदात करवा देता है। फेसबुक व अन्य सोशल साइट पर आतंकी संगठनों की लगातार पकड़ बढ़ते देख अब खुफिया एजेंसियां ने भी फेसबुक सहित अन्य सोशल साइट्स पर नजरें रखनी शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार अब एजेंसियां खालिस्तान को लेकर कमेंट करने वाले युवाओं के अकाउंट बंद करवाएगी, ताकि उनका विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों से सोशल मीडिया की जरिए संपर्क टूट सके। पिछले कुछ महीनों में खुफिया एजेंसियों ने कुछ ऐसे लोगों के अकाउंट बंद भी करवाए हैैं, जो खालिस्तान का समर्थन कर रहे थे।

विदेशों में बैठे आतंकी संगठन फेसबुक पर रहते हैैं सरगर्म

एजेंसियों का मानना है कि पंजाब का माहौल खराब करने के लिए विदेशों में बैठे आतंकी संगठन हमेशा फेसबुक, मैसेंजर और अन्य सोशल साइट्स पर सरगर्म रहते हैैं। जैसे ही उन्हें कोई युवा लगातार खालिस्तान के समर्थन में कमेंट करता दिखता है तो आतंकी संगठनों के नेता तुरंत एक्टिव हो जाते हैैं और उनसे संपर्क बनाना शुरू कर देते हैैं, ताकि युवा को अपने साथ जोड़कर उनका इस्तेमाल कर सकें।

युवाओं की मैसेंजर और वाट्सअप काल पर करते हैैं काऊंसलिंग

फेसबुक पर खालिस्तान समर्थकों के साथ संपर्क करने के लिए आतंकी संगठन युवाओं के साथ मैसेंजर और वाट्सअप पर काल करके उनकी काऊंसलिंग करते हैैं। खालिस्तान के नाम पर उन्हें भड़काया जाता है और उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। उसके बाद घटना वाली जगह की रेकी करवाई जाती है और फिर हथियार भेजकर वारदात को अंजाम तक पहुंचाया जाता है। वारदात के समय भी आतंकी संगठन इन युवाओं के संपर्क में रहते हैैं ताकि युवाओं का ध्यान न भटक जाए।

शेरा, रमन, अवतार और बिक्रमजीत से भी फेसबुक के माध्यम से किया था संपर्क

पंजाब में धार्मिक नेताओं व हाईप्रोïफाइल सात हत्याएं करने वाले शेरा और रमन के अलावा अमृतसर स्थित निरंकारी भवन के सतसंग में ग्र्रेनेड फेंकने वाले अवतार सिंह और बिक्रमजीत सिंह भी केएलएफ को फेसबुक के जरिए ही मिले थे। पुलिस के अनुसार चारों ही खालिस्तान के समर्थन में फेसबुक पर कमेंट करते थे। आतंकी संगठनों ने इसी का फायदा उठाकर समय समय पर उनसे पंजाब में वारदातें करवाईं।

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