कंटेनमेंट जोन के बुजर्गो को वायरस के खतरे से बचाएगा सेहत विभाग

कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में बुजुर्ग काफी आ रहे हैं। वहीं जिले में कोरोना से दम तोड़ने वालों में बुजुर्गो की संख्या अधिक है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 04:00 AM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 06:09 AM (IST)
कंटेनमेंट जोन के बुजर्गो को वायरस के खतरे से बचाएगा सेहत विभाग
कंटेनमेंट जोन के बुजर्गो को वायरस के खतरे से बचाएगा सेहत विभाग

जासं, लुधियाना : कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में बुजुर्ग काफी आ रहे हैं। वहीं जिले में कोरोना से दम तोड़ने वालों में बुजुर्गो की संख्या अधिक है। ऐसे में सेहत विभाग ने बुजुर्गो की सुरक्षा को लेकर एक योजना तैयार की है। इसके तहत कंटेनमेंट जोन व माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले बुजुर्गो को संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षित जगह पर ले जाया जाएगा। वहां उनको हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जगह होटल भी हो सकते हैं या फिर विभाग द्वारा बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर भी। इसका सारा खर्च सरकार उठाएगी।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने माना कि विभाग ऐसी योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग कंटेनमेंट जोन में घर-घर सर्वे करवा रहा है। इस दौरान 60 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गो की सूची तैयार की जा रही है। इस सर्वे में हम यह भी देख रहे हैं कि ऐसे कितने बुजुर्ग हैं, जिन्हें शुगर, बीपी, हार्ट की समस्या सहित अन्य बीमारियां है, क्योंकि यह बीमारियां बुजुर्गो के लिए खतरे को और बढ़ाती है। इस तरह के बुजुर्गो को हम हाई रिस्क कैटेगरी में रख रहे हैं। हमारी कोशिश होगी कि हम इन बुजुर्गो को ऐसी जगह पर रखें, जहां वह संक्रमण से बच सकें और सुरक्षित रह सकें। बुजुर्ग तब तक घर से दूर रहेंगे, जब तक कंटेनमेंट जोन में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती और पॉजिटिव केस आने बंद नहीं हो जाते। परिवार की सहमति जरूरी

जानकारी के मुताबिक किसी भी बुजुर्ग को तब तक घर से बाहर नहीं ले जाया जाएगा, जब तक परिवार की सहमति न हो। परिवार व बुजुर्ग की सहमति के बाद ही क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। माइक्रो कंटेनमेंटजोन में हो रहा सर्वे

डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार ने रविवार को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में दौरा किया। वहां उन्होंने व्यवस्थाओं को जांचा। इस जोन में डोर टू डोर सर्वे करवाया जा रहा है।

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