डीएमसी में फायर सेफ्टी वीक का आगाज, मरीजों को आग पर काबू पाने के तरीके बताए

दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल में फायर सेफ्टी वीक का आगाज हुआ। इस सप्ताह के तहत पंद्रह जून तक लोगों को आग से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।

By Edited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 06:52 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 06:52 AM (IST)
डीएमसी में फायर सेफ्टी वीक का आगाज, मरीजों को आग पर काबू पाने के तरीके बताए
डीएमसी में फायर सेफ्टी वीक का आगाज, मरीजों को आग पर काबू पाने के तरीके बताए

जेएनएन, लुधियाना। दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में फायर सेफ्टी वीक का आगाज हुआ। इस सप्ताह के तहत पंद्रह जून तक अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों को आग से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। सोमवार को डीएमसीएच डिजास्टर टास्क फोर्स, फायर एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से ओपीडी ब्लाक में आने वाले मरीजों को आग लगने के कारण और उस पर काबू पाने के तरीकों के बारे में बताया गया।

डीएमसीएच डिजास्टर टास्क फोर्स, फायर एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन व प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. संजीव उप्पल ने मरीजों को प्रयोगात्मक तरीके से आग लगाकर उस पर विभिन्न माध्यमों से काबू पाने का प्रशिक्षण दिया, जिसमें एलपीजी सिलेंडर, तेल, कागज, कपड़े व बिजली उपकरणों से लगने वाली आग को कैसे काबू किया जाए और क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए, उसके बारे में बताया।

डॉ. उप्पल ने कहा कि आग लगते ही बिल्डिंग से बाहर निकल जाना चाहिए। क्योंकि आग लगने पर फायर बिग्रेड की गाड़ी को पहुंचने में थोड़ा सयम लग जाता है। ऐसे में जागरूकता बरत कर अपनी सुरक्षा की जा सकती है। यदि धुआं है तो अपना सिर नीचे रखें और सुरक्षा के उपाय न होने पर रुमाल को पानी में भिगोकर नाक पर रख लें। इससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आएगी। आग लगने पर तुरंत बाहर चले जाएं। अगर बाहर नहीं जा सकते और कमरा धुएं से भरा हो तो ताजी हवा के लिए खिड़कियां खोल दें।

आग लगने के दौरान संभव हो तो लिफ्ट का प्रयोग न करें। सीढि़यों से उतरने की कोशिश करें। इसके अलावा हर व्यक्ति को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। इस मौके पर डीन एकेडमिक डॉ. राजू सिंह छीना ने भी मरीजों को आग से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी।

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