अहम, क्रोध व लोभ के मुक्ति का माध्यम हैं भगवान महावीर की शिक्षाएं व सिद्धांत
लुधियाना के एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में धर्म सभा करवाई गई।
संस, लुधियाना
तप चन्द्रिका श्रमणी गौरव समता विभूति सरलमना महासाध्वी वीणा महाराज, कोकिल कंठी प्रवचन भास्कर साध्वी रत्न संचिता महाराज, नवकार साधिका महासाध्वी सुन्नैया महाराज, साध्वी अरणवी महाराज व साध्वी अर्षीया महाराज ठाणे -6 के सानिध्य में एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में धर्म सभा का आयोजन किया गया। मंच पर नवदीक्षित साध्वी आर्यनंदा भी विराजमान हुए।
इस दौरान संचिता महाराज ने कहा कि जैन धर्म कोई मत या संप्रदाय नहीं, यह तो वस्तु का स्वरूप है। एक तथ्य है, तत्व है। परम सत्य है और उस परम सत्य को प्राप्त कर नर से नारायण बना जा सकता है। भगवान महावीर स्वामी ने अंतिम 30 वर्षो में प्राणी मात्र के कल्याण के लिए सर्वोदय तीर्थ का प्रचार व प्रसार किया। उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे देश में या विश्व में मानव जीवन जो परिस्थितियां बनी हुई हैं, उसका निदान केवल भगवान महावीर के सिद्धांत और शिक्षाओं को अपनाने से ही संभव है। उन्होंने कहा कि चारों ओर भ्रष्टाचार, पापाचार, अहंकार, क्रोध, मान, माया, लोभ का वातावरण बना हुआ है। इससे मुक्त होने का माध्यम है प्रभु महावीर की शिक्षा व सिद्धांतों को अपनी जीवन में धारण करना।
इस अवसर पर एसएस जैन सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, नीलम जैन कंगारू, विनोद जैन गोयम, रविदर जैन भ्राता, विपन जैन, युवक संघ अध्यक्ष संजय जैन, विजय जैन, फूलचंद जैन शाही लिवास, गुरु कृपा सेवा सोसायटी अध्यक्ष वैभव जैन व अन्य मौजूद थे।