वार्ड 28 के हालात देख चकरा गई स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, लोगों से कहा- निगम के भरोसे मत बैठिए

स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर ने अफसरों से पूछा कि स्मार्ट सिटी में शुमार शहर के इस इलाके के हालात इतने बदतर कैसे हो गए। क्या नगर निगम के अफसरों को यहां की सीवरेज समस्या का पता नहीं है।

By Edited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 07:31 AM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 11:39 AM (IST)
वार्ड 28 के हालात देख चकरा गई स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, लोगों से कहा- निगम के भरोसे मत बैठिए
वार्ड 28 के हालात देख चकरा गई स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, लोगों से कहा- निगम के भरोसे मत बैठिए

लुधियाना [आशा मेहता]। ढंडारी खुर्द के वार्ड 28 में स्थित प्रेमनगर, जगदीश कॉलोनी, न्यू दुर्गा कॉलोनी व गरचा कॉलोनी की गलियों व खाली प्लॉटों में भरे सीवरेज के पानी में सेहत विभाग को क्यूलिक्स का लारवा मिलने के बाद बुधवार को नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) की स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अनु चोपड़ा दौरा करने पहुंचीं। जैसे ही वह दोपहर साढ़े 12 बजे डिस्ट्रिक्ट एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार व दूसरे अधिकारियों के साथ न्यू दुर्गा कॉलोनी में कार से उतरीं तो भयंकर बदबू और चारों तरफ भरे सीवरेज के गंदे पानी को देखकर चकरा गई और गाड़ी में जा बैठीं। करीब दो मिनट बाद मुंह पर रुमाल रखकर कार से बाहर आई और सेहत विभाग के अधिकारियों के साथ डोर टू डोर गई। दो घंटे में डॉ. अनु ने न्यू दुर्गा कॉलोनी व जगदीश कॉलोनी का दौरा किया। इस दौरान दम तोड़ने वाले डेंगू के संदिग्ध मरीजों के परिजनों से मुलाकात की।

उन्होंने अफसरों से पूछा कि स्मार्ट सिटी में शुमार शहर के इस इलाके के हालात इतने बदतर कैसे हो गए। क्या नगर निगम के अफसरों को इस इलाके की सीवरेज जाम की समस्या के बारे में मालूम नहीं। इस दौरान लोगों ने भी निगम के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। बताया कि पिछले तीन साल में करीब सौ से अधिक सीवरेज जाम की समस्या को लेकर जेई, एसडीओ, एक्सईएन से लेकर सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर, जोनल कमिश्नर, कमिश्नर व मेयर को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। लोगों ने कहा कि पार्षद की भी निगम के अधिकारी नहीं सुनते। ऐसे में अब वह थक हार कर बैठ गए हैं और दूषित पेयजल व गंदगी की वजह से होने बीमारियों से तिल-तिल मर रहे हैं।

लोगों को दी सलाह, अपने स्तर पर साफ सफाई रखिए

डॉ. अनु ने लोगों को सलाह दी कि नगर निगम के भरोसे मत रहिए। अपने स्तर पर घर के अंदर साफ सफाई रखिए। पानी उबाल कर पीजिए और इस मौसम में ऐसे कपड़े पहनिए, जिसमें शरीर पूरा ढका रहे। घर के बाहर जमा सीवरेज के पानी में काला तेल या मिट्टी का तेल हो तो डाल दिया करें, जिससे मच्छरों का लारवा पैदा नहीं होगा, जबकि सेहत विभाग अपने स्तर पर बीमारी की रोकथाम के प्रयास करता रहेगा।

डॉ. अनु ने चेताया, डीसी ने पूछा समाधान

उधर, दुर्गा पुरी व जगदीश कॉलोनी के दौरे के बाद सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा, डिस्ट्रिक्ट एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश के साथ डॉ. अनु चोपड़ा शाम चार बजे डीसी प्रदीप अग्रवाल द्वारा बुलाई गई विभिन्न विभागों की मी¨टग में पहुंचीं। डॉ. अनु ने डीसी से कहा कि अगर निगम की तरफ से सीवरेज जाम की समस्या को दूर नहीं किया गया तो कभी भी क्यूलिक्स मच्छर की वजह से ब्रेन फीवर का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. अनु की बातें सुनकर डीसी ने उसका समाधान पूछा। डॉ. अनु ने कहा कि ड्रेनिंग ही एकमात्र सॉल्यूशन है। निगम सालों से जाम पड़े सीवरेज को जल्द से जल्द ठीक करे। डीसी ने मीटिंग में बैठे निगम की तरफ से पहुंचे एक मात्र अधिकारी मेडिकल हेल्थ अफसर डॉ. विपुल मल्होत्रा से कहा कि सेहत विभाग ने बीमारी को ट्रीटमेंट देना है, जबकि निगम की ड्यूटी बनती है कि सीवरेज, गंदगी व दूषित पेयजल से संबंधित समस्याओं को दूर करके बीमारी फैलने की संभावना को खत्म करें। डीसी ने कहा कि एक वाट्सएप ग्रुप बनाएं और वार्ड 28 के अलावा दूसरे इलाकों की समस्याओं के समाधान को लेकर नगर निगम क्या कर रही है, उसकी हर दो घंटे बाद रिपोर्ट दें। हैरानी की बात है कि शहर को बीमारियों से बचाने को लेकर डीसी की इस मीटिंग में नगर निगम की तरफ से कोई बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा।

टीम के आते ही झोलाछाप डॉक्टर भागे

जैसे ही सेहत विभाग की टीम न्यू दुर्गा कॉलोनी व जगदीश कॉलोनी में पहुंचीं तो झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक बंद करके भाग निकले। दोनों इलाकों में लगभग ऐसे दो दर्जन से अधिक क्लीनिक खुले हुए हैं। डॉ. अनु को लोगों ने बताया कि क्लीनिक खोलकर बैठे कुछ झोलाछाप डॉक्टर हर बीमारी के इलाज करने का दावा करते हैं और उनसे मनमानी फीस वसूलते हैं। जब इन डॉक्टरों की दवा से मरीज को फर्क नहीं पड़ता, तो अपने जान पहचान वाले अस्पतालों में रेफर कर देते हैं, जिसके चलते कई मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। स्थानीय लोगों ने इलाके में मेडिकल कैंप लगवाने की मांग की। साहनेवाल की एसएमओ ने भी स्टेट टीम को इलाके में सक्रिय झोलाछाप डाक्टरों के बारे में बताया।

डेंगू के संदिग्ध मरीजों की मौत का रिव्यू होगा

डॉ. अनु चोपड़ा ने कहा कि जिले में अभी तक डेंगू संदिग्ध जितने भी मरीजों की मौत हुई है, उसकी पुष्टि के लिए रिव्यू किया जाएगा। पहले रिव्यू डिस्ट्रिक्ट लेवल पर होगा। इसके बाद स्टेट लेवल पर किया जाएगा, जिसमें पीजीआइ चंडीगढ़ व मेडिकल कॉलेजों के अलग-अलग विभागों के एक्सपर्ट होंगे। उसके बाद ही वह पक्के तौर पर डेंगू मौतों की पुष्टि करेंगे।

दैनिक जागरण ने सबसे पहले क्यूलिक्स लारवा मिलने की खबर ब्रेक की

दैनिक जागरण ने सबसे पहले वार्ड 28 के इलाकों में भरे पानी में क्यूलिक्स का लारवा मिलने की खबर ब्रेक की। 30 अक्टूबर के अंक में क्यूलिक्स लारवा से इलाके में महामारी फैलने के खतरे को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। बुधवार को निगम अफसरों की नींद खुली और वह अपना दफ्तर छोड़कर इलाके में पहुंचे।

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