फ्राड का शिकार हो सकता है डिजिटल वालेट में रखा पैसा, पटियाला में हुई 30 लाख की Crypto Currency ठगी से लें सबक
नाभा निवासी अतुल सिंगला के क्रिप्टो करंसी के रूप में डिजिटल वालेट में रखे 30 लाख रुपये चोरी हो चुके हैं। मामले की जांच में साइबर क्राइम सेल ने पाया कि जर्मनी के ओल्गा रोसतुनवा व अज्ञात लोगों ने मिलकर यह ठगी की है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। यदि आप डिजिटल मनी से जुड़ने के बाद वैलेट बनाकर पैसा रखा तो सावधान हो जाएं। डिजिटल मनी पर सेंधमारी करने के लिए एक गिरोह सक्रिय हो चुका है, जिसका नेटवर्क पंजाब से लेकर दिल्ली व विदेश तक फैला हुआ है। हाल ही में नाभा निवासी अतुल सिंगला के क्रिप्टो करंसी के रूप में डिजिटल वालेट में रखे 30 लाख रुपये चोरी हो चुके हैं। मामले की जांच में साइबर क्राइम सेल ने पाया कि जर्मनी के ओल्गा रोसतुनवा व अज्ञात लोगों ने मिलकर यह ठगी की है।
साइबर क्राइम सेल के अधिकारियों ने साफ तौर पर कह दिया है कि यदि कोई अपने मोबाइल एप पर बने वालेट में पैसा रखता है तो उसमें किसी भी समय सेंधमारी हो सकती है। इन डिजिटल पैसों को चुराने के लिए आरोपित हैकिंग व आनलाइन लिंक भेजकर फ्राड कर रहे हैं। सेल के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर प्रीतपाल सिंह ने बताया कि किस तरह से लोग अपने डिजिटल मनी को सुरक्षित रख सकते हैं। नाभा वाले केस में भी जल्द एक आरोपित को गिरफ्तार किया जा सकता है।
इन सावधानियों को रखें ध्यान
1. वैलेट का पासवर्ड आसान रखने के बजाय मुश्किल पासवर्ड लगाएं।
2. इंटरनेट पर एक्टिव लोग अक्सर आनलाइन पेमेंट व डिजिटल मनी इस्तेमाल करते हैं। यह लोग अनजान लोगों से मिले लिंक क्लिक न करें।
3. आनलाइन खरीददारी करने के लिए पासवर्ड व ओटीपी शेयर न करें।
4. समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें और अनजान लोगों से पासवर्ड शेयर न करें।
5. सोशल मीडिया पर बने अपने अकाउंट पर अनजान व्यक्ति को फ्रैंड न बनाएं।
साइबर क्रिमिनल ऐसे चुराते हैं आनलाइन पैसा
साइबर क्राइम सैल इन्वेस्टीगेशन विंग के इंचार्ज प्रीतपाल सिंह ने कहा कि आरोपित इलैक्ट्रोनिक डिवाइस से हैकिंग करते हैं। इसके अलावा लोग अपने मोबाइल पर टीमव्यूर व अन्य तरह के साफ्टवेयर अपलोड कर लेते हैं, जिससे उनके मोबाइल फोन की स्क्रीन को अपने फोन पर आपरेट कर लेते हैं। इसके अलावा आनलाइन पेमेंट की समस्या होने पर मदद मांगने पर गूगल में अपने फर्जी हेल्पलाइन नंबर फीड करवाने के बाद तालमेल कर धोखाधड़ी करते हैं।
इन लोगों से हो चुकी है ठगी
1. नाभा के मैहस गेट निवासी अतुल सिंगला के इंटरनेट पर बने वैलेट से तीस लाख रुपए कीमत के डिजीटल मनी को चुराया।
2. तफ्फजलपुरा निवासी राजिंदर कुमार की आनलाइन पेमेंट फंसी तो उन्होंने गूगल के हेल्पलाइन नंबर से संपर्क किया था। जिसके बाद आरोपित ने लिंक शेयर करनेके बाद डिटेल्स ले टेंपरेरी आनलाइन बैंक खाता बनाकर करीब दो लाख रुपए ठग लिए थे।
3. साल 2019 में सीएम पंजाब की पत्नी व सांसद परनीत कौर से फोन पर ओटीपी हासिल कर 23 लाख रुपए ठग लिए थे।
फ्राड होने पर यह करें
धोखाधड़ी तुरंत बैंक को सूचित करें और एटीएम कार्ड ब्लॉक करावाते हुए नेट बैंकिंग का पासवर्ड बदल लें। पुलिस की साइबर क्राइम सेल को तुरंत शिकायत देते हुए बैंक अधिकारियों से मिलें। डिजिटल बैंक फ्रॉड होने पर ग्राहक की गलती न होने पर बैंक तीन दिन के अंदर पैसा वापिस लौटा देता है। यदि ग्राहक ने खुद ओटीपी शेयर किया हो या लिंक क्लिक किया हो तो बैंक जिम्मेदार नहीं होता है।
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