बठिंडा में महिलाओं के मुफ्त सफर पर निजी व सरकारी बसों के आपरेटरों में विवाद, विरोध में पीआरटीसी वर्करों ने लगाया धरना

बठिंडा में महिलाओं के मुफ्त बस सफर पर निजी व सरकारी बसों के आपरेटरों में विवाद हो गया। निजी बसों के संचालकों ने सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग करते हुए मंगलवार को अपनी बस सर्विस को बंद रखा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 09 Aug 2022 11:40 AM (IST) Updated:Tue, 09 Aug 2022 11:40 AM (IST)
बठिंडा में महिलाओं के मुफ्त सफर पर निजी व सरकारी बसों के आपरेटरों में विवाद, विरोध में पीआरटीसी वर्करों ने लगाया धरना
बठिंडा में महिलाओं के मुफ्त बस सफर पर निजी व सरकारी बसों के आपरेटरों में काफी विवाद हुआ।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं को मुफ्त बस सफर की सुविधा दिए जाने के विरोध में निजी व सरकारी बसों के आपरेटरों में विवाद पैदा हो गया है। निजी बसों के संचालकों ने सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग करते हुए मंगलवार को अपनी बस सर्विस को बंद रखा। रोष जताने के लिए उन्हाेंने बस स्टैंड के बाहर धरना भी लगाया। लेकिन जब सुबह 9 बजे तक बस स्टैंड नहीं खोला तो विरोध में पीआरटीसी के वर्करों ने भी धरना लगाकर बठिंडा मानसा मुख्य सड़क को जाम कर दिया। करीब एक घंटा चले धरने के कारण शहर का ट्रैफिक अस्त व्यस्त हो गया, वहीं यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा।

पीआरटीसी की बसें यात्रियों को लेकर बस स्टैंड से बाहर तो आ गई। लेकिन बस स्टैंड के बाहर विरोध के चलते वहीं पर बसों में बैठे यात्रियों को बस बंद कर धरना लगा दिया। जबकि सुबह का समय होने के कारण नौकरीपेशा लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। उनके लिए कोई भी बस सर्विस न होने के कारण वह अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके। वहीं बसों में यात्री उमस भरी गर्मी में बैठे रहने काे मजबूर रहे।

इस दौरान पीआरटीसी के वर्करों ने पुलिस प्रशासन पर भी निजी बस आपरेटरों का साथ देने का आरोप लगाया। यह विवाद बढ़ता देख पीआरटीसी बठिंडा डिपो के जीएम अमरवीर सिंह टिवाना मौके पर पहुंचे, जिन्होंने सरकारी बसों के आपरेटरों को समझा कर जाम खुलवाया। जिसके बाद निजी बसों के संचालकों ने भी जाम तो खोल दिया। लेकिन उन्होंने अपनी कोई बस नहीं चलाई। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हुई।

दूसरी तरफ बठिंडा से चलने वाली मिनी बसों के रूट पर ज्यादातर निजी कंपनी की ही बसें हैं। ऐसे में बठिंडा का एक दिन के लिए गांवों लिए बस सर्विस का संपर्क टूट गया। इसके अलावा कई रूट तो ऐसे भी हैं, जहां पर ज्यादातर निजी कंपनी की बसें ही चलती हैं। हालांकि इन रूटों पर सरकारी बस भी है, लेकिन उनकी गिनती ज्यादा नहीं है। जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हुई। जबकि निजी बस संचालक पंजाब सरकार द्वारा सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से खुश नहीं है। जिसके विरोध में पंजाब सरकार के खिलाफ चक्का जाम किया गया है। प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन जिला बठिंडा के अध्यक्ष नरपिंदर सिंह रवि जलाल व मालवा प्राइवेट बस आपरेटर के कन्वीनर बलतेज सिंह वांदर ने कहा कि सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा सुविधा प्रदान करने से निजी बस संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

उनका कहना है कि इससे पहले नोटबंदी व कोरोना महामारी के कारण निजी बस आपरेटरों को भारी नुकसान हुआ है। अब डीजल पेट्रोल के महंगे होने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस कारण उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्हाेंने मांग की है कि पंजाब सरकार निजी बसों में भी महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा करे। वहीं जिस प्रकार से सरकारी बसों को आर्थिक पैकेज दिए गए हैं, उसी प्रकार निजी बसों को भी पैकेज दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा निजी बसों पर टैक्स माफ किया जाए, डीजल को छूट दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार मांगों को नहीं मानती तो 14 अगस्त को बसों व घरों पर काले झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो बसों को फूंकने से कोई परहेज नहीं होगा। गौर हो कि बठिंडा से हर रोज अलग अलग रूटों पर निजी कंपनी की बसों के 500 से ज्यादा टाइम निकलते हैं।

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