स्पा सेंटर है या जगराओं पुल, जिसका निर्माण पूरा ही नहीं हो रहा

साल भर पहले पता चला कि स्पा सेंटर में आग पर काबू पाने का सिस्टम ही नहीं लगाया गया। कुछ हिस्से को तोडफोड़ कर फिर यह कमी सुधारी गई।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Fri, 13 Mar 2020 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 13 Mar 2020 06:26 PM (IST)
स्पा सेंटर है या जगराओं पुल, जिसका निर्माण पूरा ही नहीं हो रहा
स्पा सेंटर है या जगराओं पुल, जिसका निर्माण पूरा ही नहीं हो रहा

लुधियाना, जेएनएन। ढाई साल पहले लोधी क्लब के स्पा सेंटर में आग लग गई। इस पर काबू पाए जाने तक बार स्वाहा हो गया। यह तो था हादसा, लेकिन इसके बाद की कहानी रोचक है। फैसला हुआ कि अब दो स्पा बनाए जाएंगे, एक पुरुष और दूसरा महिलाओं के लिए। कीमत भी भारी-भरकम थी, लगभग डेढ़ करोड़ रुपये। आधुनिकत तकनीक से लेस नए स्पा सेंटर का निर्माण भी घटना के बाद शुरू कर दिया गया। ढाई साल से सदस्य इसे पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। कीमत पचास लाख रुपये और बढ़ चुकी है। साल भर पहले पता चला कि स्पा सेंटर में आग पर काबू पाने का सिस्टम ही नहीं लगाया गया। कुछ हिस्से को तोडफोड़ कर फिर यह कमी सुधारी गई। अब तो सदस्यों ने भी चुटकी लेनी शुरू कर दी है कि लोधी क्लब का स्पा सेंटर है या जगराओं पुल जिसका निर्माण पूरा ही नहीं हो रहा है।

ये तो रिश्ते बिगाड़ेगा

सरकारों ने कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है, परंतु किया जा रहा प्रचार ही लोगों में दहशत फैला रहा है। हर फोन कॉल से पहले सुनने वाली खांसी की आवाज से हर कोई परेशान है। यही नहीं, अब तो अतिरिक्त सावधानियों की वजह से रिश्तों में खटास आने लगी है। बात लोधी क्लब के जिम की है। वहां स्पोट्र्स सेक्रेटरी डॉक्टर अविनाश जिंदल कुछ साथियों के साथ मौजूद थे। हर आने वाला उनको मिल भी रहा था। आदतन हर व्यक्ति उनसे हाथ मिलाने का प्रयास करता तो डॉक्टर जिंदल यह कहकर हाथ मिलाने की बजाय हाथ जोड़ देते कि अब वह पुरानी परंपराओं की तरफ लौट रहे हैं। कुछ समझदार सदस्य तो वक्त की नजाकत को समझ गए और वह भी हाथ जोड़कर अभिवादन कर देते, लेकिन कुछ लोग इसे अपमान समझ बाद में कह रहे थे, 'कोई ना आण दे टैम, असीं वी दस्सांगे।'

चेक येस बैंक का तो नहीं

येस बैंक में हुए घपले ने हर व्यक्ति को हिला दिया है। इसी से जुड़ा ताजा किस्सा देखने को मिला। एयर टिकट के लिए ट्रैवल एजेंट को कारोबारी राजिंदर सिंह ने फोन किया। टिकट भी मिल गई। कारोबारी ने मोलभाव करते हुए दाम सेट किया और टिकट बुकिंग का ग्रीन सिग्नल दे दिया। ट्रैवल एजेंट ने जवाब दिया कि फ्लाइट की आखिरी टिकट है, अभी पेमेंट करके बुक करनी पड़ेगी। कारोबारी ने हामी भरते हुए फाइनल अमाउंट पूछी और कहा कि किसके नाम का चेक काटना है। इस पर ट्रैवल एजेंट ने ऐसा सवाल पूछा जो पहले कभी पूछा नहीं जाता था। वो यह था कि आप जो चेक भेज रहे हैं, वह किस बैंक का है। कारोबारी ने कहा, ये तो बेमतलब का सवाल है। इस पर ट्रैवल एजेंट ने हंसते हुए जवाब दिया कि मुझे तो यह पता करना था कि कहीं चेक येस बैंक का तो नहीं।

कोरोना गेम ई ना बिगाड़ देवे

सतलुज क्लब चुनाव का एलान अध्यक्ष डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल कभी भी कर सकते हैं। अब चुनाव होने हैं या नहीं, इसकी चर्चाओं का दौर भी जारी है। इस पर सदस्यों, प्रतिभागियों व कार्यकारी सदस्यों की राय अलग-अलग है। कुछ चाहते है कि चुनाव जल्द हों तो कुछ की इच्छा है कि अभी टल जाएं। इसकी वजह भी जानिए। दरअसल चुनावी प्रक्रिया के तहत संभावित उम्मीदवार सदस्यों से संपर्क के लिए इतना जोर लगा चुके हैं कि उनको लगता, अगर चुनाव टल गए तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। वहीं मौजूदा पदाधिकारी चाहते हैं कि चुनाव स्थगित हो जाएं ताकि कुछ देर और सत्तासीन होने का मौका मिल जाए। चुनावी प्रचार वाली ऐसी ही एक महफिल में कार्यकारी पद के लिए जोरआजमाइश कर रहे डॉक्टर अरुण धवन को किसी ने कह दिया, चुनाव टल सकते हैं। इस पर वह बोले, 'देखीं यार, कोरोना किते गेम ई ना बिगाड़ देवे।'

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