डॉ. सिद्धू ने जागरूक किया तो 11,000 एकड़ में नहीं जली पराली

पर्यावरण प्रेमी डॉ. हरमिंदर सिंह सिद्धू कई वर्षो से किसानों में यह संदेश फैला रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 06:29 AM (IST)
डॉ. सिद्धू ने जागरूक किया तो 11,000 एकड़ में नहीं जली पराली
डॉ. सिद्धू ने जागरूक किया तो 11,000 एकड़ में नहीं जली पराली

जासं, जगराओं : पराली एक समस्या नहीं बल्कि एक खाद है जिसे खेत में ही मिलाकर जमीन की उर्वरा को बढ़ाया जा सकता है। इससे किसानों का अगली फसल के लिए खेती खर्च भी कम होता है। इसके अलावा पराली को जलाने से होने वाले प्रदूषण से भी बचा जा सकता है। पर्यावरण प्रेमी डॉ. हरमिंदर सिंह सिद्धू कई वर्षो से किसानों में यह संदेश फैला रहे हैं। उनकी इसी कोशिश से पिछले पाच वर्षो से धान के सीजन में बठिंडा, मोगा, लुधियाना जिलों के 14 गावों में 11,000 एकड़ में पराली नहीं जली।

डॉ. सिद्धू के इस प्रयास को देखते हुए पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर हुए समारोह में वातावरण उत्तमता सम्मान दिया गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाबा गदरी दुल्ला सिंह ज्ञानी निहाल सिंह फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. हरमिंदर सिंह सिद्धू को स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया। रायकोट के जलालदीवाल निवासी डॉ. हरमिंदर ने पिछले पाच वर्षो में लुधियाना, बठिंडा और मोगा के जिलों में वायु प्रदूषण रोकने व पर्यावरण संबंधी जागरुकता फैलाने के लिए 600 किसानों को इकट्ठा किया। फिर उनको धान के सीजन में होने वाली पराली को जलाने की बजाय जमीन में मिलाकर अगली फसल की बिजाई करने के लिए जागरूक किया। इसका परिणाम यह हुआ कि वायु दूषित होने से बची, किसानों का खेती खर्च भी घटा और अगली फसल का उत्पादन भी बढि़या हुआ है। स्टेट अवाडर्ीं डॉ. हरमिंदर ने कहा कि भविष्य में भी वह पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास तेज रखेंगे। वे किसानों को जागरूक करते रहेंगे।

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