किसानों को बांटे गेहूं के खराब बीज, सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
पनसीड की ओर से पंजाब के कई जिलों में किसानों को गेहूं के खराब बीज बांटने को लेकर सरकार ने जांच बिठा दी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पनसीड की ओर से पंजाब के कई जिलों में किसानों को गेहूं के खराब बीज बांटने को लेकर सरकार ने जांच बिठा दी है। खराब बीज की वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार की ओर से मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी का प्रमुख खेतीबाड़ी पंजाब अतिरिक्त सचिव राहुल गुप्ता को बनाया गया है, जबकि सदस्य के तौर पर गुरविदर सिंह, मुख्य खेतीबाड़ी अफसर नरिदरपाल सिंह बैनीपाल, डायरेक्टर डा. हरजीत सिंह धालीवाल, पीएयू के डायरेक्टर सीड डा. राजिदर सिंह सहित अन्य अफसरों को शामिल किया गया है। शुक्रवार को पूरे मामले की जांच करने के लिए कमेटी जिले में पहुंचे। सबसे पहले कमेटी सदस्यों ने पीएयू में मीटिग की। इसके बाद पनसीड के लाडोवाल बीज गोदाम, गांव सलेमपुरा ब्लाक मांगट व हंबड़ा में जाकर दौरा किया। कमेटी सदस्यों की तरफ से गोदामों से दस सैंपल लिए और बीज की भी चेकिग की। सैंपलों को जांच के लिए पीएयू स्थित बीज निरीक्षण केंद्र में भेज दिया गया। इसके बाद कमेटी के सदस्यों ने उन किसानों से भी मुलाकात की, जिन्हें खराब बीज बांटे गए थे। करीब तीन घंटे तक कमेटी ने अलग अलग गांवों में जाकर किसानों को हुए नुकसान की जानकारी ली। इस दौरान कमेटी ने यह भी फैसला लिया कि पनसीड की ओर से जिन सहकारी सोसायटियों, खेतीबाड़ी विभागों के दफ्तरों और प्राइवेट डीलरों को बीज सप्लाई किया गया है, उनके यहां भी सैंपलिग की जाएगी। कमेटी ने बताया कि गेहूं की किस्म डीबी डब्ल्यू 222 व एचडी 3086 में यह समस्या ज्यादा देखने को मिली है। जिले में 697 एकड़ में बीज उगने की शक्ति कम होने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके अलावा बरनाला में भी सौ एकड़ रकबे और मालरेकोटला के कुछ गांवों में पनसीड द्वारा सप्लाई किए गेहूं के बीज की उगने की शक्ति के कम होने की शिकायतें मिली है। कमेटी द्वारा कहा गया है कि बीज उगने की शक्ति 50 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक प्रभावित हुइ है। कमेटी के अधिकारियों ने कहा कि बीज के सैंपलों की रिपोर्ट आते ही जिम्मेदार अफसरों और डीलरों को बख्शा नहीं जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। कमेटी द्वारा बताया गया कि फिलहाल किसानों को गेहूं के बीज खराब होने की सूरत में विभाग की तरफ से उस बीज के पैसे वापस किए जा रहे हैं या फिर नया बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है।