गलत टिप्पणी न करें और न ही अपनी बात को व्यंग्य में पेश करे: अरुण मुनि

एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में श्री सुदर्शन लाल महाराज के शिष्य श्री अरुण मुनि महाराज के सानिध्य में प्रार्थना सभा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 06:54 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:54 AM (IST)
गलत टिप्पणी न करें और न ही अपनी बात को व्यंग्य में पेश करे: अरुण मुनि
गलत टिप्पणी न करें और न ही अपनी बात को व्यंग्य में पेश करे: अरुण मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में श्री सुदर्शन लाल महाराज के शिष्य श्री अरुण मुनि महाराज के सानिध्य में प्रार्थना सभा हुई। इस अवसर पर अरुण मुनि म. ने कहा सबसे पहले हमारे अंदर ही अनुशासन होना चाहिए, तभी हम दूसरों को अनुशासित कर सकते है, यहीं संयम है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं लौटता, उसी प्रकार एक बार मुंह से निकले शब्द कभी वापस नहीं लौटाए जा सकते। ऐसे में किसी पर गलत टिप्पणी न करें और न ही अपनी बात को व्यंग्य में पेश करें। किसी को खाने में मिष्ठान भले ही न खिला सकें, लेकिन आपके चार मीठे बोल उसके खाने को जायकेदार बना देंगे।

गुरुदेव ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक किसान ने अपने पड़ोसी की खूब निदा की। बाद में वह धर्म गुरु के पास गया और बोला। मैंने अपने पड़ोसी की निदा में बहुत उल्टी सीधी बातें कह दी। अब इन बातों को कैसे वापस लूं। धर्मगुरु ने वहां पर बिखेरे पक्षियों के पंखों को एकत्रित करने के लिए कहा, लेकिन वह पंखे उड़ गए, वापस नहीं आए। तब धर्मगुरु ने कहा कि इसी प्रकार एक बार मुंह से निकली बात वापस नहीं ली जा सकती। इसलिए व्यवहार को प्रभावी बनाने के लिए शब्दों का चयन हमेशा सावधानी से करें। प्रभु से यदि प्रेम है तो परीक्षा नहीं, प्रतीक्षा होनी चाहिए : रमेश मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में श्री रमेश मुनि म., श्री मुकेश जैन, श्री मुदित म. आदि मुनि संघ के सानिध्य में प्रार्थना सभा का आयोजन जारी है। सोमवार की सभा में रमेश मुनि ने कहा कि भगवान महावीर ने जप, तप व स्वाध्याय के संगम से मोक्ष की प्राप्ति की। हम भगवान महावीर जन्मोत्सव तो मनाते हैं, लेकिन उनका अनुसरण नहीं करते हैं। इसलिए सभी को पूरे तन, मन से उपवास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रभु से यदि प्रेम है तो परीक्षा नहीं, प्रतीक्षा होनी चाहिए। जो शारीरिक रोगी होते हैं उन्हें अस्पताल से आराम आता है जो मानसिक रोगी होते हैं उन्हें सभा में आराम मिलता है। मुकेश मुनि ने कहा कि यदि हमारे पास विवेक शक्ति होगी, तभी हम अच्छा आचरण अपना सकेंगे। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने हमें यह शरीर दिया है। यह केवल भोग विलास के लिए नहीं है, बल्कि ईश्वर की भक्ति कर मोक्ष्य तक पहुंचने के लिए मिला है। इसलिए हमें ईश्वर भक्ति व जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।

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