बैंस पार्टी के हक में थे तो रामूवालिया व मनप्रीत की पार्टी का दिखाया आइना

राजेश शर्मा, लुधियाना चुनाव आहट मिलते ही नेताओं की पलटबाजी शुरू हो गई और महानगर की राजनीति के समी

By Edited By: Publish:Thu, 30 Jun 2016 07:33 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jun 2016 07:33 PM (IST)
बैंस पार्टी के हक में थे तो रामूवालिया व मनप्रीत की पार्टी का दिखाया आइना

राजेश शर्मा, लुधियाना

चुनाव आहट मिलते ही नेताओं की पलटबाजी शुरू हो गई और महानगर की राजनीति के समीकरण भी तेजी से बदलने लगे हैं। ताजातरीन घटनाक्रम है शिअद से बागी हो विधायक बैंस ब्रदर्स की टीम इंसाफ के सबसे मजबूत हाथ माने जाते पार्षद दलजीत सिंह ग्रेवाल का आम आदमी पार्टी में शामिल होना। अब जब पुराना साथ ही नहीं रहा तो फिर लिहाज भी कैसा। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान आजाद उम्मीदवार के तौर पर हलका पूर्वी से मात्र 12 हजार वोटों के अंतर से मात खाने वाले पार्षद ग्रेवाल ने राजनीति के कई अनछुए पहलुओं से पर्दा भी उठाते हुए कई अहम खुलासे भी किए।

कांग्रेस व शिअद से मिला ऑफर

ग्रेवाल ने दावा किया बैंस का साथ छोड़ने के लिए शिअद ने उन्हें विधानसभा क्षेत्र पूर्वी से 2017 के चुनाव के लिए टिकट का ऑफर दिया तो कांग्रेस ने सरकार बनने की सूरत में मंत्री पद का प्रलोभन। पंजाब को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने की जिम्मेदार शिअद में जाना मंजूर न था तो कांग्रेस से विचार मेल नहीं खाते थे। भ्रष्टाचार व परिवारवाद के खिलाफ जंग लड़ रही आम आदमी पार्टी से विचारों की समानता ही उन्हें इसमें खींच लाई।

बैंस पार्टी बनाने के पक्ष में थे और मैं विरोध में

बैंस के साथ सबसे बड़ा मतभेद था कि वह राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते थे जबकि मैं इसके विरोध में। मैंने रामूवालिया की लोक भलाई पार्टी व मनप्रीत सिंह बादल की पीपीपी के हश्र का तर्क रखा पर उन्होंने नहीं सुनी। अब पिछले एक साल से आम आदमी पार्टी से बात चल रही थी, लेकिन बात सिरे ही नहीं चढ़ पाई। रहीं बात बैंस के सहयोग की तो 2012 के विधानसभा चुनाव में वह मेरे इलाके में प्रचार तक करने नहीं पहुंचे।

बोले-बैंस ने बताया फिर से शिअद ज्वाइन कर रहे हैं

शिअद से बागी हो बैंस ब्रदर्स विधानसभा चुनाव जीत गए और मैं हार गया। एक दिन मुझे गिल रोड स्थित इलेक्ट्रोनिक शोरूम में बुलाया गया और कहा कि कल हम शिअद में वापसी कर रहे है। मैंने विरोध जताया पर बात फाइनल हो चुकी थी। यह बैंस की सबसे बड़ी राजनीतिक गलती थी।

टिकट न भी मिली तो भी नहीं छोड़ूंगा पार्टी

बिना किसी कमिटमेंट के ही आम आदमी पार्टी में शमूलियत की बात कहते हुए ग्रेवाल का दावा है कि अगर पार्टी विधानसभा टिकट नहीं भी देती तो भी वह पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश में आम आदमी पार्टी की लहर का दावा करते हुए ग्रेवाल ने कहा कि कम से कम सौ सीटें आप के खाते में आनी सुनिश्चत है।

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