बच्चों और बुजुर्गो को शिकार बना रहे आवारा कुत्ते

आरसीएफ कालोनी में 1500 से अधिक आवारा कुत्तों के कारण लोगों में दहशत का माहौल है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 01:31 AM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 01:31 AM (IST)
बच्चों और बुजुर्गो को शिकार बना रहे आवारा कुत्ते
बच्चों और बुजुर्गो को शिकार बना रहे आवारा कुत्ते

जागरण संवाददाता, कपूरथला

आरसीएफ कालोनी में 1500 से अधिक आवारा कुत्तों के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। अवारा कुत्ते कई बार बच्चों व बुजुर्गों को अपना शिकार बना चुके हैं। यह बात रेल कोच फैक्ट्री में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात एवं अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रदेशाध्यक्ष इंजी. बृज मोहन ने आरसीएफ के महाप्रबंधक के नाम लिखे पत्र में कही।

इंजीनियर बृज मोहन ने बताया कि सात जून को सुबह वह अपने साथी के साथ सैर कर रहे थे। सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चौराहे पर करीब 10 कुत्तों ने महिला को घेर रखा था। उन्होंने पत्थर मार कर बड़ी मुश्किल से उस बुजुर्ग महिला को बचाया। उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाएं प्रतिदिन कॉलोनी में घटित होती रहती हैं जिससे बच्चों का घर से बाहर खेलना व लोगों का सुबह के समय सैर आदि करना दूभर हो गया है।

सुबह और शाम के समय आरसीएफ के कर्मचारी व उनके परिवार सैर करने के लिए जाते हैं। आवारा कुत्ते उनपर आक्रमण करने से नहीं चूकते। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे पहले भी कई बार लोगों ने आरसीएफ के अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की है परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बृज मोहन ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्री अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है जिसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए प्रमाणपत्र मिला हुआ है। ऐसे संस्थान में इस तरह की घटनाएं बेहद अशोभनीय है तथा संस्थान की छवि को धूमिल करती हैं। उन्होंने बताया कि कुछ रेडिका निवासियों ने भी बिना अनुमति अथवा रजिस्ट्रेशन के कालोनी में कुत्ते पाल रखे हैं। इनमें से कुछ लोगों ने के पास पिटबुल नस्ल के कुत्ते भी हैं जिससे लोगों को खतरा बना हुआ है। बृज मोहन ने कहा कि फैक्ट्री में स्थित सरकारी अस्पताल के रिकार्ड से भी पता चल सकता है कि कुत्तों का शिकार होकर कितने लोग अस्पताल में आते हैं। उन्होंने आरसीएफ प्रबंधन से मांग की है कि अतिशीघ्र कालोनी निवासियों को इन आवारा कुत्तों की समस्या से राहत दिलाई जाए।

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