आलू पहुंच गया 50 रुपये किलो, प्याज ने निकाले आंसू
पिछले सालों की तुलना में इस बार नवरात्र में बढ़ी आलू की मांग के चलते इस बार यह 50 साल का रिकार्ड ध्वस्त करते हुए 50 रुपये प्रति किलों के पार पहुंच गया है।
निखिल कौछड़, फगवाड़ा
पिछले सालों की तुलना में इस बार नवरात्र में बढ़ी आलू की मांग के चलते इस बार यह 50 साल का रिकार्ड ध्वस्त करते हुए 50 रुपये प्रति किलों के पार पहुंच गया है। इस बारे में फगवाड़ा के रहने वाले प्रमोद कुमार ने बताया कि 1995 में आलू तीन से चार रुपये किलो तक बिका था जो उस समय सबसे ज्यादा कीमत थी। आज आलू 50 रुपये प्रति किलो हो गया है। यह अब तक का नवरात्र में सबसे ज्यादा भाव है। आलू ही नहीं टमाटर, प्याज के साथ हरी सब्जी भी आम आदमी की पकड़ से बाहर होती जा रही है। लौकी, भिंडी, खीरा, करेला, गोभी समेत तमाम सब्जियों के दामों में में एक माह में 20 से 30 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। सब्जियों के दाम बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ने लगा है। उधर, सब्जी के थोक कारोबारियों के अनुसार नासिक में प्याज की जमाखोरी के कारण आवक कम हो जाने के कारण प्याज महंगा है। पालक की एक गुच्छी 10 रुपये, धनिया की एक गच्छी 10 रुपये और सरसों का साग 20 रुपये किलो बिक रहा है।
रसोई का बजट बिगड़ा
गृहिणी निर्मला कलूचा ने कहा कि हर सब्जियों के बढ़े दाम के चलते उन्होंने कम सब्जी लेना शुरू कर दिया है। महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार सब्जियां पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा महंगी हो गई है।
कम की सब्जियां
रमा कोछड़ ने बताया कि लगातार बढ़ती कीमतों ने रसोई का सारा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई के चलते सब्जियों का कम इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि हर सब्जी में इस्तेमाल होने वाले आलू प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या खाएं और क्या न खाएं।
आसमान छू रहा आलू का भाव
गृहिणी भावना कपूर ने बताया कि आलू को अपने जीवन में उन्होंने कभी इतना महंगा नहीं देखा। पहली बार आलू की कीमतें भी आसमान छू रही है।
सब्जियों के दाम सितंबर व अक्टूबर में प्रति किलो रुपये में
आलू 45-50 रुपए
प्याज 50-70 रुपए
टमाटर 50-60 रुपए
फूल गोभी 40-60 रुपए
खीरा 30-50 रुपए
हरी मिर्च 60-120 रुपए
शिमला मिर्च 60-120 रुपए