गुरु ज्ञान रूपी प्रकाश से रोशन करता है जीवन

प्राचीन ऐतिहासिक श्री आशा रानी मंदिर परिसर में रविवार को श्री श्री 1008 चक्रवर्ती महामंडलेश्वर मातृ शक्ति ब्रह्मलीन श्री ऊषा माता जी के अनुयाइयों ने गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 01:10 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 01:10 AM (IST)
गुरु ज्ञान रूपी प्रकाश से रोशन करता है जीवन
गुरु ज्ञान रूपी प्रकाश से रोशन करता है जीवन

संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : प्राचीन ऐतिहासिक श्री आशा रानी मंदिर परिसर में रविवार को श्री श्री 1008 चक्रवर्ती महामंडलेश्वर मातृ शक्ति ब्रह्मलीन श्री ऊषा माता जी के अनुयाइयों ने गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया। श्री आशा रानी मंदिर के प्रधान तिलक राज जोशी की रहनुमाई में मनाए गए इस समागम के दौरान जय मां मिशन, सुल्तानपुर लोधी यूनिट के प्रधान वरिदर सल्पोना ने सतगुरु देव श्री ऊषा माता जी के नमित पूजा अर्चना करवाई। इसके बाद समूह गुरुप्रेमी संगत ने माता जी की महिमा का गुणगान किया।

समागम में शामिल हुई संगत को संबोधित करते सल्पोना ने कहा कि अषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। गुरु इंसान के जीवन में से अज्ञान के अंधकार को दूर करके सच्चे ज्ञान के प्रकाश से रोशन कर देता है। गुरु ही परमात्मा से मिलने का मार्ग प्रशस्त करता है । भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना जाता है । समागम के दौरान ओंकार धीर, देवा राजरानी, नीलम शर्मा आदि ने माता की भेंटें प्रस्तुत कर सभी श्रद्धालुओं को नाचने पर विवश कर दिया ।

समागम के अंत में ऊषा माता जी की आरती उतारी गई तथा श्रद्धालुओं में प्रसाद बांटा गया। इससे पूर्व श्री अमृतवाणी पाठ भी किया गया। समागम में पंडित दिनेश शर्मा, इंदरजीत अरोड़ा, चमन लाल अरोड़ा, ओंकार धीर, अजय जोशी, वेद प्रकाश थिद, गुलशन धीर, रंगा भगत, अरुण भागी, रूप चंद, सरदारी लाल राजपूत, मनी सलपोना, अरविद पाठक, लखपत राए प्रभाकर, सोनिया पाठक, शिवानी जोशी तथा नीलम पुरी आदि मौजूद थे ।

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