23 साल की नव‍निर्वाचित सरपंच ने खाई अनोखी कसम, जिसने सुना हो गया मुरीद

पंजाब के एक गांव की सरपंच चुनी गईं 23 साल की गुरकीरत कौर ने अनोखी शपथ लेकर सबको मुरीद बना लिया है। उन्‍होंने कहा है कि अपने दायित्‍व को पूरा करने को वह पांच साल शादी नहीं करेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 08:11 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2019 08:47 AM (IST)
23 साल की नव‍निर्वाचित सरपंच ने खाई अनोखी कसम, जिसने सुना हो गया मुरीद
23 साल की नव‍निर्वाचित सरपंच ने खाई अनोखी कसम, जिसने सुना हो गया मुरीद

कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। पंजाब के पंचायत चुनाव में युवाओं ने अपनी धमक दिखाई है अौर अपने गांव और समाज के लिए कुछ करने का जज्‍बा दिखाया है। ऐसे ही युवाओं में शामिल हैं कपूरथला की नव‍निर्वाचित सरपंच गुरकीरत कौर। महज 23 साल की उम्र में सरपंच बनीं गुरकीरत ने अनोखी शपथ लेकर लोगाें काे अपना मुरीद बना लिया है। उन्‍होंने कसम ली है कि लोगों की उम्‍मीदों को पूरा करने और गांव के विकास पर ध्‍यान देने के लिए पांच साल तक शादी नहीं करेंगी। सबसे खास बात है कि चुनाव मेें उनकी मां जिला परिषद एवं पिता ब्लाक समिति के सदस्य चुने गए हैं।

एमसीए की पढ़ाई करने वाली 23 वर्षीय गुरकीरत कौर जिले के गांव बिशनपुर की सरपंच चुनी गई हैं। गुरकीरत का कहना है कि अभी उनके लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता गांव का विकास और लोगों की उम्‍मीदों को पूरा करना है। इसी कारण अभी अपने बारे में नहीं सोचना चाहती। लोगों ने जिस उम्‍मीद से मुझे सरपंच चुना है उसे पूरा करना सबसे बड़ा दायित्‍व है।

चुनाव मेंं जीत के बाद महिलाओं के साथ गुरकीरत कौर।

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कपूरथला सब डिवीजन के गांव बिशनपुर अराईयां निवासी गुरकीरत कौर को राजनीति विरासत में मिली है। उसकी मां कमलेश राणी इस बार जिला परिषद एवं पिता गुरदीप सिंह ब्लाक समिति के सदस्य चुने गए हैं। गुरकीरत ने हाल ही में एमसीए की पढ़ाई पूरी की है और उसकी पीसीएस अफसर बनने की इच्‍छा है। पंचायत चुनाव अाया तो गांव के लोगों ने उसे सरपंच चुनाव लड़ा दिया और वह 471 वोट से जीत गईं।

मां जिला परिषद, पिता ब्लाक समित मैंबर, बेटी को विरासत में मिली राजनीति

संभवत: पंजाब की सबसे कम उम्र की सरपंच गुरकीरत कौर अपनी जीत से बेहद उत्‍साहित हैं अौर इसके साथ ही अपनी जिम्‍मेदारी के प्रति सजग व गंभीर भी है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों ने उन पर जो विश्वास प्रकट किया है, उसके लिए वह बहुत आभारी हैं। इस पर खरा उतरना उनके लिए बड़ी चुनौती है। गांव के सर्वांगीण विकास के लिए वह पांच साल तक अपनी शादी नहीं करेंगी और अपनी पूरी ताकत लगा देंगी।

गांव के विकास के एजंडे के बारे में पूछने पर गुरकीरत कौर ने बताया कि उनके गांव में पिछले 10 साल में बिलकुल विकास नहीं हुआ है। गांव से छप्पड़ भी बाहर नहीं निकाला जा सका, जिसके ओवरफ्लो होने पर सीवरेज का गंदा पानी गलियों में फैल जाता है। मेरी प्राथमिक्ता गांव में अंडर ग्राउंड सीवरेज बिछवाकर लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की रहेगी। गलियों व नालियों को पक्का किया जाएगा और बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने को तरजीह दी जाएगी। गुरकीरत ने कहा कि वह गांव के हर बच्चों को पढ़ाना चाहती है क्योंकि शिक्षा के बिना जिंदगी के किसी क्षेत्र में कामयाब होना संभव नही है।

पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह के साथ गुरकीरत कौर।

गुरकीरत की मां दस साल और पिता पांच साल तक गांव के सरपंच रह चुके हैं। गुरकीरत का कहना है कि वह काम में अपने माता-पिता की सलाह लेंगी लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह रबड़ की स्‍टंप बन कर रह जाए। वह अपने एजेंडे पर संजीदगी से काम करेंगी। गुरकीरत ने कहा, मैं सुनिश्‍चत करुंगी कि गांव में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो बेशक किसी ने उसे वोट दिया हो या नहीं और चाहे वह विपक्षी राजनीतिक दल से संबंधित हो। किसी को पक्षपात का एहसास नहीं होने दिया जाएगा।

क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि जिले की सबसे छोटी सरपंच के बड़े इरादों को देखते खुशी और गर्व का अहसास होता है। उसके नेक संकल्‍प के लिए विशेष तौर सम्मानित किया जाएगा। गांव के विकास में पंजाब सरकार से पूरा सहयोग दिलाया जाएगा। मुझे पूरा भरोसा है यह बेटी देश-प्रदेश में नई मिसाल कायम करेगी।

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