दंपती का पारिवारिक विवाद सुलझाने के लिए महिला आयोग ने जालंधर में लगाई स्पेशल कोर्ट

पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी सोमवार को जालंधर पहुंची और पुलिस लाइन में इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट लगाई। आयोग ने पति-पत्नी और उनके परिवारों को आमने-सामने बैठाकर उनका विवाद सुलझाने की कोशिश की।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 05:18 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:18 PM (IST)
दंपती का पारिवारिक विवाद सुलझाने के लिए महिला आयोग ने जालंधर में लगाई स्पेशल कोर्ट
पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी पत्रकारों से बातचीत के दौरान। (जागरण)

जालंधर, जेएनएन। शहर की एक लड़की का पारिवारिक विवाद सुलझाने और उसे इंसाफ दिलाने के लिए सोमवार को पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी सोमवार को जालंधर पहुंची और पुलिस लाइन में इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट लगाई। आयोग ने पति-पत्नी और उनके परिवारों को आमने-सामने बैठाकर उनका विवाद सुलझाने की कोशिश की।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि टांडा में छह वर्षीय बच्ची के दुष्कर्म व हत्या के मामले में पुलिस द्वारा अपनी कार्रवाई की जा रही है लेकिन इस पूरे मामले का राजनीतिकरण करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कुछ लोग इस मामले की हाथरस वाले मामले से तुलना कर रहे हैं, जोकि पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि दोनों मामले अलग हैं, इसलिए इनकी तुलना नहीं होनी चाहिए।

चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने कहा कि वह आयोग की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र लिखने जा रही हैं, जिसमें पांचवी कक्ष से लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने, बच्चों के सिलेबस में महिलाओं से जुड़े कानूनों की जानकारी शामिल करने और साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करने के लिए सरकार से अपील करेंगी ताकि छोटी उम्र में ही बच्चों को इस तरह के मामलों के बारे में जागरूक किया जा सके।

उन्होंने पंजाबी गीतों में महिलाओं के प्रति अश्लील शब्दावली के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि वह इस मामले में सरकार से राज्य स्तर पर एक सेंसर बोर्ड बनाने की मांग करती हैं, जिसमें महिला आयोग का भी एक प्रतिनिधि होनी चाहिए ताकि इस तरह के गीतों के सार्वजनिक होने से पहले इनके कंटेंट की जांच हो सके।

इससे पहले उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से जुड़े मामलों की समीक्षा के लिए एक बैठक की, जिसमें सुलझाए गए केसों और लंबित केसों का रिव्यू किया। महिला आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि लॉकडाउन के दरमियान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और इन शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

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