पंजाब में नहीं रुक रहा खेत में आग लगाने का सिलसिला, फरीदकोट में 2 किमी दायरे में हजारों पेड़-पौधे जले

शनिवार को फिरोजपुर-फरीदकोट रोड़ पर गांव गोलेवाला के नजदीक किसान ने गेहूं की नाड़ को आग लगा दी। आग सड़क के किनारे लगे पेड़ों के बीच में पहुंच गई और कुछ ही देर में दूसरे किनारे जा पहुंची। करीब दो किमी दायरे में कई छोटे-बड़े पेड़ जलकर राख हो गए।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 21 May 2022 03:57 PM (IST) Updated:Sat, 21 May 2022 03:57 PM (IST)
पंजाब में नहीं रुक रहा खेत में आग लगाने का सिलसिला, फरीदकोट में 2 किमी दायरे में हजारों पेड़-पौधे जले
फरीदकोट के गोलेवाला में सड़क किनारे लगी आग।

प्रदीप गर्ग, गोलेवाला (फरीदकोट)। गेहूं का सीजन समाप्त हुए एक महीने का समय हो चुका है लेकिन किसानों की ओर से गेहूं की नाड़ को आग लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे आए दिन बड़ी संख्या में सड़क किनारे लगे हरे-भरे पेड़ आग से जलकर नष्ट हो रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा-एक पेड़ को काटने वाले पर हाथ धोकर पुलिस व वन-विभाग पड़ जाता है और अब हजारों पेड़ जलाए जा रहे हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा।

सड़क के किनारों पर देख सकते हैं, हजारों-लाखों की तादाद में आपको जले हुए पेड़ मिलेंगे लेकिन वन विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। शनिवार को फिरोजपुर-फरीदकोट रोड़ पर गांव गोलेवाला के नजदीक एक किसान ने गेहूं की नाड़ को आग लगा दी। आग सड़क के किनारे लगे पेड़ों के बीच में पहुंच गई और कुछ ही देर में दूसरे किनारे जा पहुंची। करीब दो किमी दायरे में कई छोटे-बड़े पेड़ जलकर राख हो गए। गोलेवाला के लोगों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची। 

गोलेवालावा चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ भी मौके पर पहुंच गए थे, गनीमत यह रही कि जान-माल नुकसान होने से बचाव हो गया। उसी समय ही स्कूलों की छुट्टी हुई थी और बच्चों को लेकर लेकर स्कूल वाहनों का गुजरने का समय था। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की 2 किलोमीटर तक लंबी कतारें लग गईं, गत दिनों मैं भी कई खेतों में लगाई गई आग के धुंए के कारण सड़क हादसे हुए हैं। 

गोलेवाला चौकी प्रभारी परमिंदर सिंह ने कहा दोषियों पर बनती कार्रवाई की जाएगी। आम आदमी पार्टी के यूथ उप प्रधान जगदीप सिंह झाड़ी वाला ने कहा खेतों में लगाई आग पेड़, जानवरों सहित राहगीरों के लिए खतरा है, इसलिए किसान भाई खेतों में आग ना लगाएं और उन्होंने फायर ब्रिगेड वे वहां पहुंचे लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने समय पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।

पर्यावरणविंद संदीप अरोड़ा व गुरमीत सिंह ने कहा कि इस बार खेतों की आग से सड़क किनारे के जितने पौधों को नुकसान हुआ, उतने पौधे तो शायद पांच साल में भी नहीं काटे जाते, ऐसे में एक पेड़ काटने पर पुलिस व वन विभाग लोगों के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है, परंतु अब जब कि पौधों को आग लगाने वालों को कोई कुछ नहीं बोल रहा है। इस तरह की घटनाएं पर्यावरण को नुकसान तो पहुंचा ही रही है, साथ में बड़े हादसों की आशंका को भी जन्म देती है।

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