जालंधर में मानसून की पहली ही बारिश से हाईवे पर जलभराव, गंदगी से भरी ड्रेनों से नहीं हो रही पानी की निकासी

ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर परागपुर तक कई जगह हाईवे पर जलभराव देखा जा सकता है। बरसात के पानी की निकासी के लिए बनाए गए ड्रेन गंदगी से भरी पड़ी है। इस वजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। जगह-जगह पानी भरने से ट्रैफिक जाम लग रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 04:45 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 04:45 PM (IST)
जालंधर में मानसून की पहली ही बारिश से हाईवे पर जलभराव, गंदगी से भरी ड्रेनों से नहीं हो रही पानी की निकासी
जालंधर में मानसून की पहली बरसात के बाद हाईवे किनारे जमा पानी। जागरण

जागरण संवाददाता, जालंधर। लंबे इंतजार के बाद मानसून की पहली बारिश ने जहां शहरवासियों को गर्मी से निजात दिलाई है तो वहीं वाटर लॉगिंग की समस्या एक बार फिर उजागर हो गई है। सोमवार को दिन भर हुई बारिश के कारण नेशनल हाईवे पर जलभराव हो गया। ऐसा होना ही था क्योंकि पिछले महीने हुई मामूली बरसात ने साबित कर दिया था कि मानसून से पहले हाईवे को वॉटर लॉगिंग से मुक्त रखने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई है।

ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर परागपुर तक कई जगह हाईवे पर जलभराव देखा जा सकता है। बरसात के पानी की निकासी के लिए बनाए गए ड्रेन गंदगी से भरी पड़ी है। इस वजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। जगह-जगह पानी भरने से ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी समस्या पीएपी चौक से शुरू हो रही है। यहां पर शहर से बाहर जाने वाला ट्रैफिक फ्लाईओवर के नीचे ही फंसना शुरू हो रहा है। इस कारण वाहन चालकों का रामा मंडी चौक तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि आगामी 3 दिन तक जबरदस्त बरसात हो सकती है और अगर यह भविष्यवाणी सच होती है तो फिर हाईवे पर से निकल पाना मुश्किलों भरा हो जाएगा। हालात यह हैं कि वाटर लॉगिंग की वजह से बेहद कम जगह ही भारी एवं छोटे वाहनों के गुजरने के लिए बची है। इस कारण ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है और ट्रैफिक जाम लग रहा है। ट्रैफिक जाम खुलवाने में ट्रैफिक पुलिस भी ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही है।

साल दर साल समस्या पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

हाईवे पर जलभराव की समस्या लगभग हर साल की पेश आती है। बावजूद इसके संबंधित विभाग की ओर से हाईवे के किनारे ड्रेनों की सफाई के लिए समय रहते प्रयास नहीं किए जाते हैं। हर बार इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। 

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