अब ट्रैफिक नियम तोड़ते दिखने पर ही रोकेगी पुलिस, यातायात को सुचारू बनाने पर रहेगा ध्यान Jalandhar News

अब ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी बिना हेलमेट व सीट बैल्ट न लगी होने ओवरस्पीड ड्राइविंग के वक्त मोबाइल फोन इस्तेमाल करने जैसे ट्रैफिक नियम तोड़ने पर ही गाड़ी रोकेंगे।

By Edited By: Publish:Wed, 17 Jul 2019 10:22 PM (IST) Updated:Thu, 18 Jul 2019 12:21 PM (IST)
अब ट्रैफिक नियम तोड़ते दिखने पर ही रोकेगी पुलिस, यातायात को सुचारू बनाने पर रहेगा ध्यान Jalandhar News
अब ट्रैफिक नियम तोड़ते दिखने पर ही रोकेगी पुलिस, यातायात को सुचारू बनाने पर रहेगा ध्यान Jalandhar News

जालंधर [मनीष शर्मा]। अब ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी बिना हेलमेट और सीट बेल्ट, ओवरस्पीडिंग और ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर वाहन चालकों को रोकेगी। अन्यथा सारा ध्यान ट्रैफिक रेगुलेट करने पर दिया जाएगा। नशे में ड्राइविंग, रेड लाइट जंप करने और रॉन्ग साइड या ट्रिपल राइडिंग जैसे मामलों में भी वाहन चालकों को रोककर कर्रवाई की जाएगी। इन्हें मूविंग वॉयलेशन यानि दिखने वाले नियमों के उल्लंघन की केटेगिरी में रखा गया है। इसके अलावा उनका मुख्य काम ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाना होगा।

एडीजीपी (ट्रैफिक) डॉ. एसएस चौहान के आदेश के बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को यह हिदायत जारी कर दी गई हैं। आदेश में कहा गया है कि अगर वाहन चालक उपरोक्त नियम तोड़ते पकड़ा जाए तो फिर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी कागजात भी चेक कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि फिर सिर्फ उसी नियम को तोड़ने का चालान काटा जाए। एडीसीपी (ट्रैफिक) अश्विनी कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पहले भी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को यह आदेश दिए गए थे लेकिन अब एडीजीपी (ट्रैफिक) से ऑर्डर आने के बाद सभी कर्मचारियों को इसे यकीनी बनाने को कहा गया है।

अब ट्रकों की जांच अकेले नहीं कर सकेंगे ट्रैफिक कर्मी

ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी उसी सूरत में गाड़ी रोककर कागजात चेक करेंगे जब कोई लॉ एंड ऑर्डर की समस्या हो या फिर जब सारे कर्मचारियों को इस काम में लगाने की जरूरत हो। ऐसे में उन्हें एसएसपी या पुलिस कमिश्नर के आदेश की जरूरत पड़ेगी। ट्रैफिक कर्मचारियों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि ट्रकों की जांच वे अकेले नहीं करेंगे। अगर ट्रांसपोर्ट दफ्तर की तरफ से इस बाबत पुलिस की मांग की जाती है तो संयुक्त तौर पर यह चेकिंग होगी। प्रदूषण मामले की जांच के दौरान भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अफसरों के साथ ही ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर सकेगी।

जरूरी इसलिए...  शहर में हर साल सौ से ज्यादा मौतें

नाका लगा चालान काटने के बजाय पुलिस का ट्रैफिक पर ध्यान देना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि शहर में हर साल सड़क हादसों में सौ से ज्यादा मौतें हो रही हैं। अकेले पुलिस कमिश्नरेट एरिया में साल 2016 में 124, साल 2017 में 110 व साल 2018 में 109 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा मौतों की वजह ओवरस्पीड व हेलमेट न पहनना निकला।

पुलिस कमिश्नर और आईजी कराएंगे जांच

एडीजीपी (ट्रैफिक) डॉ. एसएस चौहान ने इस बारे में पुलिस कमिश्नर और आईजी से बात की है और उन्हें आदेश दिए हैं कि फील्ड में यह आदेश लागू हो रहे हैं या नहीं, वे इसकी जांच करवाएं। इसके लिए किसी अफसर की स्पेशल ड्यूटी लगाई जाए। एडीजीपी ने कहा कि किसी आदेश को जारी करने के बाद उसकी निगरानी भी जरूरी है, इसलिए इसके बाद जमीनी स्तर पर क्या बदलाव हुआ, इसको लेकर वो खुद भी जांच करेंगे और इस बारे में जनता का भी फीडबैक लिया जाएगा।

यहां करें शिकायत

अगर शहर में कहीं ट्रैफिक व्यवस्था छोड़ गाड़ियों को रोक कर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी कागजात चेक करते दिखें तो शहरी पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 1073, व्हाट्सएप नंबर 62395-10169 पर सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा पंजाब पुलिस की वेबसाइट, फेसबुक पेज व ट्विटर अकाउंट पर भी इसकी जानकारी दी जा सकती है।

एडीजीपी (ट्रैफिक) के आदेश मिलने के बाद सभी कर्मचारियों को हिदायत दे दी गई है कि वो सिर्फ उन्हीं गाड़ी वालों को रोकें, जो नियम तोड़ते नजर आ रहे हों। किसी तरह का नाका बिल्कुल न लगाएं। इसके अलावा ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने को प्राथमिकता दें।

-अश्विनी कुमार, एडीसीपी (ट्रैफिक)

ट्रैफिक पुलिस की प्रमुख जिम्मेदारी ट्रैफिक को नियमित करने की है। यही इस पुलिस का मकसद भी है। मगर, पब्लिक से यह फीडबैक था कि पुलिस कर्मचारी नाका लगा कागजात चेक करते रहते हैं। मुलाजिम ट्रैफिक को सुचारू बनाने में कम ही ध्यान देते हैं। इसलिए यह आदेश दिए हैं और इन्हें जमीनी स्तर पर भी हर हाल में लागू कराया जाएगा।

-डॉ. एसएस चौहान, एडीजीपी (ट्रैफिक)

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