चुनावी चौपाल : सिविल अस्पताल में मरीजों के साथ आए लोग नई बनने वाली सरकार से रखते हैं ढेरों उम्मीदें

चुनाव को भले ही 33 दिन बचा है लेकिन हर वर्ग में इसकी चर्चा अभी से होने लगी है। सिविल अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों के साथ आए स्वजन भविष्य में बनने वाली सरकार से आशाएं लगा रहे थे।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 08:41 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 08:41 AM (IST)
चुनावी चौपाल : सिविल अस्पताल में मरीजों के साथ आए लोग नई बनने वाली सरकार से रखते हैं ढेरों उम्मीदें
पंजाब में चुनावों को लेकर हर वर्ग चर्चा करने लगा है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। चुनावी माहौल गरमाने लगा है। चुनाव को भले ही 33 दिन बचा है, लेकिन हर वर्ग में इसकी चर्चा अभी से होने लगी है। इस दौरान लोग अपनी भावनाओं को बाहर निकालने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सप्ताह के पहले दिन सिविल अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों के साथ उनके स्वजनों की खासी भीड़ थी। टीबी विभाग के आगे कुछ युवा बैठे हुए थे। हालांकि वे आपस में परिचित नहीं थे, बावजूद वो भविष्य में बनने वाली सरकार से आशाएं लगा रहे थे। उन्हें उम्मीद है कि आने वाली सरकार किसी भी राजनीतिक पार्टी की हो, परंतु युवाओं को रोजगार जरूर दे।

वहां बैठे निजी कंपनी में सुरक्षाकर्मी कर्मी तैनात बलङ्क्षजदर ङ्क्षसह राजनीति पर चर्चा को लेकर काफी सक्रिया थे। वह सबसे पहले बोले कि चुनावी बिसात तकरीबन सज चुकी है। एक-दो  राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवार घोषित करने बाकी है। इसके बाद चुनावी दंगल शुरू होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में हर युवा को अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए और वोट मांगने के लिए आने वाले उम्मीदवार से अपनी मांग जरूर रखनी चाहिए कि युवाओं को भविष्य में किस चीज की जरूरत है। इस बीच भाई दित्त ङ्क्षसह नगर में टेंट का काम करने वाले रामजी बोले कि वादे तो हर पार्टी करती है, परंतु सरकार बनने के बाद उसे पूरा नहीं कर पाती है। युवाओं की ही देखें तो बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।

निजी कंपनियों में भी अब काम मिलना बंद हो रहा है। पिछले साल लाकडाउन की मार पड़ी और अनेक युवा बेरोजगार हो गए। सरकार कोई भी आए युवाओं के भविष्य उन्हें रोजगार देकर ही बनाए। इस दौरान एक निजी कंपनी के सुरक्षा कर्मी ने कहा कि अगर रोजगार होगा तो युवा भटकेंगे नहीं। बेरोजगारी बढऩे के कारण है चोरी व लूट भी काफी बढ़ चुकी है। लोग भी खुद को असुरक्षित मानते हैं। सरकार को इस पर नकेल कसनी चाहिए। बातों ही बातों में दोमोरिया पुल के पास एक निजी कंपनी में तैनात विनोद कुमार बोल उठे कि भाई देखो मुद्दे तो बहुत हैं, लेकिन इस समय जो मुख्य मुद्दा वोट बैंक का है।

युवा वर्ग वोट बैंक का मजबूत आधार है। युवाओं को सरकार की ओर से नौकरियां देनी चाहिए। सरकारी विभागों में हजारों पद खाली हैं, परंतु सरकार उन्हें भरने की जहमत नहीं उठाती। उल्टा ठेके पर मुलाजिम रखकर उनका शोषण करती है। इस दौरान लेबोरेटरी से उन्हें टेस्ट रिपोर्ट लेने के लिए संदेशा आ गया और चर्चा को विराम लग गया। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार बनाने के लिए हर व्यक्ति को मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

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