जालंधर के बहुचर्चित डीसीपी-विधायक विवाद के कारण अधर में लटका दुकानदारों का मामला, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

जालंधर के बहुचर्चित पूर्व डीसीपी नरेश डोगरा और विधायक रमन अरोड़ा के विवाद की जड़ बना दुकानदारों के बीच झगड़े का अभी तक कोई हल नहीं निकला है। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था पर डीसीपी-विधायक विवाद के कारण मामला अधर में लटक गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Sep 2022 06:53 PM (IST) Updated:Sun, 25 Sep 2022 06:53 PM (IST)
जालंधर के बहुचर्चित डीसीपी-विधायक विवाद के कारण अधर में लटका दुकानदारों का मामला, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
विधायक रमन अरोड़ व जालंधर के पूर्व डीसीपी नरेश डोगरा।

संवाद सहयोगी, जालंधर । जालंधर के बहुचर्चित पूर्व डीसीपी नरेश डोगरा और विधायक रमन अरोड़ा के विवाद की जड़ बना दुकानदारों का विवाद अभी तक हल नहीं हो पाया है। इस मामले में पुलिस ने दोनों दुकानदारों के बयान ले लिए हैं, लेकिन अभी तक दोनों तरफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

दुकानदारों के बीच हुए विवाद के बाद ही एक तरफ से पूर्व डीसीपी नरेश डोगरा और दूसरी तरफ से विधायक रमन अरोड़ा आ गए थे। बुधवार को शास्त्री मार्केट में दो दुकानदारों में हुए विवाद में दुकानदार रचना कलेक्शन के मालिक नीरज गोल्डी ने आरोप लगाया था कि उनकी दुकान की छत पर व्हील लाउंज के मालिक पक्षों के हरीश चावला ने अपने एसी का कंप्रेशर लगा रखा है। वहीं चावला का आरोप था कि गोल्डी डायर रखकर दुकान के सामने कब्जा करता है। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान लिए थे और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। बाद में तत्कालीन डीसीपी और विधायक के बीच शुरू हुए विवाद के चलते यह मामला अधर में लटक गया। हालांकि पुलिस इस मामले में दावा कर रही है कि दोनों पक्षों के बयान लेकर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। एसीपी अश्विनी अत्री ने बताया कि विवाद को लेकर दोनों दुकानदारों ने एक दूसरे के खिलाफ बयान लिखवा दिए थे। उनके आधार पर जांच की जा रही है। जांच की रिपोर्ट बनाकर अदालत में पेश कर दी जाएगी।

यह है मामला

गत बुधवार को शास्त्री मार्केट में पड़ोसी दुकानदारों की लड़ाई को लेकर तत्कालीन डीसीपी डोगरा और विधायक रमन अरोड़ा आमने-सामने हो गए थे। दोनों पक्षों के बीच समझौता चल रहा था, लेकिन विधायक के समर्थकों के भड़कने के बाद डोगरा व विधायक समर्थकों में हाथापाई हुई थी। डोगरा ने मौके पर डीसीपी जसकिरण सिंह तेजा को पुलिस के साथ मदद के लिए बुलाया। पुलिस ने विधायक के समर्थकों की शिकायत पर डोगरा के खिलाफ पर्चा दर्ज कर लिया था और समर्थक शांत होकर घर चले गए थे। सुबह मामला डीजीपी के दरबार में पहुंचा तो सरकार को भी इसकी जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने दर्ज पर्चे को फ्रीज कर दिया और डीसीपी जगमोहन ने बयान जारी किया कि कोई पर्चा दर्ज नहीं किया गया है। बाद में समझौता हो गया था।

पूर्व डीजीपी चंद्रशेखर बोले, डोगरा पर हमला करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

पूर्व डीसीपी और विधायक के बीच हुए विवाद के बाद पूर्व डीजीपी चंद्रशेखर ने पुलिस वालों पर हमला करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो अस्पताल में तोड़-फोड़ हुई है उसमें भी अलग केस होना चाहिए। तोड़-फोड़ करने वाला भले ही विधायक हो या विधायक का भाई हो, उस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। किसी को भी इस तरह पुलिस पर हाथ उठाने की इजाजत नहीं है और न ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत है। यदि कोई ऐसा करता है तो पुलिस उसे सीधा गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस पर हमला करने वालों को तो जमानत भी नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया है, उन्होंने गैंगस्टरों की तरह काम किया है और उनके खिलाफ गैंगस्टरों जैसी कार्रवाई होनी चाहिए। डा. चंद्रशेखर ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कई ऐसे मौके आए थे, जिनमें विधायक या अन्य नेताओं ने ऐसी कोई हरकत की थी तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया था।

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