दो लोगों की जिंदगी रोशन कर गया 17 साल का ये खिलाड़ी, स्कूल से घर आते हो गया था हादसे का शिकार

11 साल का अंकित एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी था। दो दिन पहले स्कूल से घर आते ऑटो की टक्कर से वह घायल हो गया था। बुधवार को उसकी मौत हो गई। माता-पिता ने उसकी आंखें दान कर दी हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 10 Jan 2019 11:09 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jan 2019 11:09 AM (IST)
दो लोगों की जिंदगी रोशन कर गया 17 साल का ये खिलाड़ी, स्कूल से घर आते हो गया था हादसे का शिकार
दो लोगों की जिंदगी रोशन कर गया 17 साल का ये खिलाड़ी, स्कूल से घर आते हो गया था हादसे का शिकार

जालंधर [सुनील प्रभाकर]। 17 साल का अंकित होनहार हॉकी खिलाड़ी था। अपने शानदार खेल और मेहनत के बल पर वह राज्य स्तर तक पहुंच गया था। पर होनी को कुछ और मंजूर था। दो दिन पहले वह रामामंडी के कैंट बोर्ड स्कूल से घर लौट रहा था कि ऑटो ने टक्कर मार दी थी। उसने मंगलवार देर रात जौहल अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसकी मौत से घरवालों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। इसके बावजूद अंकित के पिता जगराम (आरओ मेकैनिक) ने दिल मजबूत कर बेटे की आंखें पुनर्जोत आइ बैंक सोसायटी को दान करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि उनके बच्चे की आंखें किसी की जिंदगी रोशन करेंगी तो उसकी आत्मा को भी शांति मिलेगी।

सोसायटी की टीम ने अस्पताल पहुंचकर अंकित की आंखे लेने की मेडिकल प्रक्रिया पूरी की है। सोसायटी ने बताया कि अंकित की आंखें देने के लिए दो लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। इन्हें एक-एक आंख लगाकर उनकी जिदंगी में उजाला किया जाएगा। अंकित के स्कूल प्रसिपल राजीव सेखड़ी ने इस बात की पुष्टि की है।

पुनर्जोत आई बैंक सोसायटी को बेटे अंकित की आंखें दान करते हुए पिता जगराम।

अंकित 11 कक्षा का छात्र था। वह पढ़ाई और खेलों में काफी होनहार था। अंकित की मौत की सूचना के बाद शोक स्वरूप उसके कैंट बोर्ड स्कूल में एक दिन की छुट्टी कर दी गई। खेल मंत्री राणा सोढी ने भी होनहार खिलाड़ी अंकित की असमय मौत पर गहरा दुख जताया है। प्रिंसिपल राजीव सेखड़ी ने बताया कि अंकित के पिता जगराम ने कहा कि उनका बेटा दो लोगों की जिंदगी में रोशनी भरने जा रहा है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इससे उनके जिगर के टुकड़े अंकित की रूह को सकून मिलेगा।
 

परिवार से मिलेंगे खेल मंत्री
खेल मंत्री पंजाब राणा सोढी ने कहा कि अंकित एक होनहार खिलाड़ी था। उसकी असमय मौत पर उन्हें दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अंकित के पिता द्वारा यह फैसला लेना उनका विशाल हृदय दर्शाता है। सोढी ने कहा कि वे जालंधर आकर अंकित के पिता से मिलेंगे और उन्हें सलाम करेंगे।

अंकित।

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