रोड कटिग घपला, पक्की सड़क को कच्ची व ईट वाली बताकर फीस में हो रही गड़बड़ी

नगर निगम में रोड कटिग का बड़ा घपला सामने आया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 06:36 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 06:36 AM (IST)
रोड कटिग घपला, पक्की सड़क को कच्ची व
ईट वाली बताकर फीस में हो रही गड़बड़ी
रोड कटिग घपला, पक्की सड़क को कच्ची व ईट वाली बताकर फीस में हो रही गड़बड़ी

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम में रोड कटिग का बड़ा घपला सामने आया है। पानी और सीवरेज के कनेक्शन लेते समय फीस बचाने के लिए ज्यादातर मामलों में आवेदनकर्ता द्वारा सड़कों को कच्ची और ईट की सड़क बताकर निगम को दी जाने वाली फीस में गड़बड़ी की जा रही है। कच्ची सड़क और ईट की सड़क पर कनेक्शन लेने के लिए रोड कटिग की फीस काफी कम है। वहीं, लुक-बजरी, कंक्रीट और इंटरलाकिग टाइल्स के लिए कई गुना ज्यादा फीस देनी पड़ती है। यह घोटाला कई साल से चल रहा है। हर साल करीब चार हजार नए कनेक्शन जारी होते हैं।

एक अनुमान के अनुसार इस तरह से हर साल करीब दो करोड़ रुपये फीस की चोरी हो रही है। कच्ची सड़क की रोड कटिग फीस 12 रुपये वर्ग फुट और ईट वाली सड़क की फीस 61 रुपये प्रति वर्ग फुट है। जबकि लुक-बजरी से लेकर इंटरलांकिग टाइल्स वाली सड़क पर रोड कटिग 240 से 360 रुपये प्रति वर्ग फुट तक है। इसमें हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हाती है। इस गड़बड़ी का खुलासा निगम के वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट के सुपरिंटेंडेंट मुनीष दुग्गल के आपरेशन एंड मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के अफसरों को लिखे पत्र से हुआ है। इस पत्र की कापी निगम कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर को भी भेजी गई है। मुनीष ने पत्र में खुलासा किया है कि पिछले कई साल से वाटर सप्लाई और सीवरेज के कनेक्शन लेते समय आवेदनकर्ता रोड कटिग फीस जमा करवाते समय सड़क को कच्ची या ईंट वाली सड़क बता रहे हैं। इससे फीस कम देनी पड़ रही है। सड़क तोड़ते समय उसकी पैमाइश भी ठीक से नहीं हो रही है। पैमाइश को लेकर भी घालमेल है जिससे पिछले कई साल में विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। मुनीष के पत्र से फील्ड स्टाफ कटघरे में खड़ा हो रहा है क्योंकि मौके का मुआयना और सड़क की पैमाइश फील्ड स्टाफ ही करता है। शहर में न कच्ची सड़कें ना ईटों वाली

पत्र में यह दावा किया गया है कि शहर में इस समय शायद ही कोई इलाका होगा जहां कच्ची या ईट की सड़कें हों। इसके बावजूद पानी और सीवरेज के अधिकांश नए कनेक्श्नों के आवदेन में रोड कटिग की फीस जमा करवाते समय सड़क को कच्ची या ईट वाली बताया जा रहा है। ऐसे में फील्ड स्टाफ की जांच घेरे में आ गई है। फील्ड स्टाफ मौके पर जाकर कनेक्शन के लिए खोदी गई सड़क की पैमाइश करता है। पानी के मुकाबले सीवरेज का कनेक्शन लेने पर रोड कटिग को डबल माना जाता है और फीस भी डबल देनी पड़ती है। साल 2020-21 के लिए रोड कटिग के रेट

सड़क रेट प्रति वर्ग फुट

लुक-बजरी वाली सड़क 240

लुक-बजरी बीएम 319

कच्ची सड़क 12

ईट वाली 61

कंक्रीट 240

इंटर लाकिग टाइल्स 360 बीएंडआर की जिम्मेवारी भी तय करनी होगी

मुनीष दुग्गल ने पत्र में लिखा है कि अगर कनेक्शन देते समय आवदेन की ठीक तरह से जांच हो तो निगम का नुकसान रुक सकता है। जहां जरूरत हो वहां बीएंडआर डिपार्टमेंट से भी रिपोर्ट ली जा सकती है। बीएंडआर ब्रांच को हर सड़क की जानकारी है कि कौन सी सड़क किस मटीरियल से बनी है। पत्र में लिखा है कि मेन रोड ज्यादातर लुक-बजरी से बनी हैं जबकि कालोनियों की ज्यादातर सड़कें कंक्रीट और इंटरलाकिग टाइल्स की हैं। पानी-सीवर के कनेक्शनों के लिए तोड़ी जाती हैं नई सड़कें

शहर में कई ऐसी सड़कें हैं जो पानी और सीवरेज के कनेक्शनों के लिए तोड़ दी जाती है। कई जगह तो बिना मंजूरी के ही कनेक्शन ले लिया जाता है। इससे निगम को कोई फीस नहीं मिलती। खासकर नई विकसित हो रही कालोनियों में सड़कों के टूटने का बड़ा कारण ही यही है। इससे निगम को हर साल करोड़ों का नुकसान होता है। कई जगह तो निगम सड़क बनाने के बाद सीवरेज और पानी की पाइपें डालने का काम करता है जिससे नुकसान हो रहा है।

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