दावा- पंजाब के जालंधर की बसंत कौर हैं विश्‍व की सबसे बुजुर्ग महिला; परिवार बताई 132 वर्ष उम्र

जालंधर के गांव साबूवाल की बसंत कौर पांचवीं पीढ़ी के साथ रह रही हैं। वोटर कार्ड के अनुसार उनकी उम्र 124 साल है। स्वजनों का कहना है कि उनकी वास्तविक आयु इससे भी अधिक 132 वर्ष है। उन्हें विश्व की सबसे वृद्ध महिला घोषित किया जाना चाहिए।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 02:34 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:25 AM (IST)
दावा- पंजाब के जालंधर की बसंत कौर हैं विश्‍व की सबसे बुजुर्ग महिला; परिवार बताई 132 वर्ष उम्र
पांच पीढ़ियों के साथ जालंधर की बसंत कौर। घरवालों का दावा है कि वह दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला हैं।

​​​​​चरनजीत सिंह, जालंधर। लोहियां खास के गांव साबूवाल में एक परिवार ने दावा किया है उनकी बुजुर्ग बसंत कौर दुनिया की सबसे वृद्ध महिला हैं। यहां पांच पीढ़ियों के साथ रह रहीं बसंत कौर के पास साक्ष्य के रूप में वोटर कार्ड है, जिसमें वर्ष 1995 में उनकी उम्र 98 वर्ष दर्ज है। इस लिहाज से उनकी वर्तमान उम्र लगभग 124 वर्ष है। उन्होंने तीन सदियां देखी हैं। जन्म 19वीं सदी में हुआ। पूरी 20वीं सदी देखने के बाद वह अब 21वीं सदी में जीवन का आनंद उठा रही हैं।  हालांकि स्वजनों का दावा है कि उनकी वास्तविक आयु 132 वर्ष है। बसंत कौर के पति ज्वाला सिंह की मौत भी 105 वर्ष की आयु में हुई थी।

माता बसंत कौर का जन्म लोहियां खास के गांव लाइल में हुआ था जबकि उनकी शादी कपूरथला के गांव बांटावाली में ज्वाला सिंह के साथ हुई थी। वह अपनी जिंदगी का लंबा पड़ाव तय करके अब पड़पौत्रों और पड़पौत्रियों के साथ जीवन बीता रही हैं। बसंत कौर के पांच बेटों की मौत हो चुकी है। एक की मौत 94 वर्ष की आयु में हुई थी। बेटियों में नसीब कौर (66) की मौत हो चुकी है। भजन कौर (65), ध्यान कौर (63) जीवित हैं। आज उनके परिवार में तीन दर्जन के ऊपर सदस्य हैं। 12 पौत्र व 13 पौत्रियां हैं। पांच पड़पौत्र व तीन पड़पौत्रियां हैं। इसके अलावा लक्कड़ पौत्र और पौत्रियां भी हैं।

कपूरथला में रहने वाले पड़ पौत्र वरिंदर सिंह (27) का दावा है कि उनकी उम्र 132 वर्ष है। दस्तावेजों में उनकी उम्र कम लिखी है। वास्तविक उम्र 132 वर्ष है। उनका नाम विश्व की सबसे वृद्ध महिला के तौर पर दर्ज किया जाना चाहिए।

लंबी उम्र का राज - मीठे और दही के साथ सादा खाना

बसंत कौर ने कहा कि उनके पति और पांच बेटों की मौत हो चुकी है। ईश्वर उन्हें अपने पास बुलाना भूल गए हैं। बसंत कौर ने कहा कि उन्हें अब दीखता नहीं है। किसी की बात सुनने में भी परेशानी होती है। इसके अलावा उन्हें कोई समस्या नहीं हैं और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह रोजाना हरी सब्जी, दही के साथ दो चपाती खाती हैं। उन्हें मीठा खाना भी बहुत पसंद है। बसंत कौर ने कहा कि उन्होंने तीन सदियां देखी हैं और अब वह अपनी पांचवीं पीढ़ी के साथ सुखपूर्वक जीवन बिता रही हैं।

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