...तो तीन दिन परेशान होंगे पंजाब के बस यात्री, अगले सप्ताह पनबस व PRTC वर्कर्स यूनियन ने दी चक्काजाम की चेतावनी
यूनियन ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि अगर इस बैठक के दौरान यूनियन की मांगों को नहीं माना जाता है तो फिर 9 से लेकर 11 अगस्त तक प्रदेश भर की सरकारी बसों का चक्का जाम कर दिया जाएगा।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। अगर शुक्रवार को पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन सरकार की तरफ से संतुष्ट नहीं होती है तो फिर अगले सप्ताह तीन दिन के लिए प्रदेश के बस यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश के परिवहन मंत्री ने शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में यूनियन को बैठक के लिए बुलाया है। यूनियन ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि अगर इस बैठक के दौरान यूनियन की मांगों को नहीं माना जाता है तो फिर 9 से लेकर 11 अगस्त तक प्रदेश भर की सरकारी बसों का चक्का जाम कर दिया जाएगा।
इससे पहले मंगलवार एवं बुधवार को प्रदेश भर के बस स्टैंड भी मांगे न मानी जाने के विरोध में बंद रखे गए थे। 26 जुलाई को भी बस स्टैंड रोष स्वरूप बंद रखे गए थे। यूनियन की सबसे बड़ी मांग यह है कि बीते कई वर्षों से कच्चे मुलाजिम के तौर पर कार्य कर रहे कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिमों को सरकार तुरंत पक्का करे। जिन मुलाजिमों को छोटे केसों में बर्खास्त किया जा चुका है। उन्हें तुरंत बहाल किया जाए। इसके अलावा यूनियन की मांग यह भी है कि पंजाब सरकार सरकारी बेड़े में 10 हजार नई बसों को शामिल करे।
प्रधान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक के नतीजे का इंतजार किया जाएगा। अगर तो यूनियन की मांगों को मान लिया गया तब तो चक्का जाम को मुल्तवी करने संबंधी फैसला होगा। अन्यथा 3 दिन के लिए सरकारी बसों का पहिया जाम कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों को होने वाली असुविधा का उन्हें बेहद अफसोस है, लेकिन इसकी भी जिम्मेदार सरकार ही है। कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिम बीते कई वर्षों से न्यूनतम वेतन पर काम कर रहे हैं। सरकार बार-बार उन्हें रेगुलर करने का वादा कर रही है, लेकिन असल में कुछ नहीं किया जा रहा। सरकार विभिन्न वर्गों को निशुल्क यात्रा सुविधा देने के दावे कर रही है, लेकिन सच्चाई यही है कि पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी के बेड़े में बसे पर्याप्त संख्या में मौजूद ही नहीं हैं।