School शुरू होने से आधा घंटा पहले पहुंचेंगे शिक्षक, बच्चों के लिए करेंगे यह काम Jalandhar News
स्कूल मुखी व शिक्षक स्कूलों में आधा घंटा पहले स्कूल पहुंचें ताकि वे प्रार्थना होने से पहले तक कुछ समय इकट्ठे बैठें और स्कूल की बेहतरी के बारे में चर्चा कर सकें।
जालंधर, जेएनएन। स्कूल मुखी व शिक्षक स्कूलों में आधा घंटा पहले स्कूल पहुंचें ताकि वे प्रार्थना होने से पहले तक कुछ समय इकट्ठे बैठें और स्कूल की बेहतरी के बारे में चर्चा कर सकें। शिक्षकों के पहले आने से स्कूल में अनुशासन भी कायम रहेगा। अध्यापकों को स्कूल में पहले आया देख विद्यार्थी भी खुद की टाइम पर स्कूल आएंगे। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने स्कूल प्रिंसिपलों और स्कूल हेड्स के साथ मीटिंग कर स्कूलों की बेहतरी और बच्चों के सर्वपक्षीय विकास को लेकर समय से पहले स्कूल आने की अपील की।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए स्कूल मुखी खुद भी प्रयास करें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें। उड़ान प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने स्कूल मुखियों से कहा कि वे इस प्रोजेक्ट को साकार बनाने के लिए केवल बच्चों को प्रश्न व उत्तर के आॅप्शन देने तक ही सीमित न रहें। बल्कि पहले खुद प्रश्न बताएं और खुद उत्तर को एक्सप्लेन करें। क्योंकि केवल ऑप्शन बता देने से बच्चों को कोई ज्ञान नहीं मिलेगा। यह प्रयास बच्चों का ज्ञान बढ़ाने में कारगर साबित हो रहा है।
लाइब्रेरी की किताबें चोरी होती हैं या फटती हैं तो कोई कुछ नहीं कहेगा
शिक्षा सचिव ने साफ कहा कि किसी भी स्कूल की लाइब्रेरियों में ताला नहीं लगा होना चाहिए। बच्चे खुद ब खुद लाइब्रेरी में दाखिल हों और अपनी पसंदीदा किताबें चुनें। बच्चों द्वारा चुनी गई किताबों का रिकॉर्ड रखने की कोई जरूरत नहीं। किताब बच्चे से गुम हो जाती है या फिर फट जाती है तो कोई उसे कुछ नहीं कहेगा। बच्चे लाइब्रेरी से किताबें चुराते हैं तो भी कोई बात नहीं। क्योंकि वह किताब चुराकर पढ़ेगा ही। 10 फीसद किताबें गायब हो जाती हैं तो भी उस खर्च की भरपाई की जा सकती है, मगर स्कूल की बंद अलमारियों में पढ़ी रहने वाली किताबों को दीमक लग जाए, पड़ी पड़ी खराब हो जाए या आग लगा जाए उससे तो अच्छा ही है। उन्होंने कहा कि अलमारियों में बंद किताबें मिलीं तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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