पठानकोट में 3 साल बाद दोबारा मतगणना, पहले पराजित घोषित प्रत्याशी 1 वोट से बनी सरपंच
गांव गुड़ा खुर्द में सरपंच चुनाव के लिए कुल 394 वोट पड़े थे। चुनाव के दिन ही वोट की गिनती हुई थी। इस गिनती में कांग्रेस उम्मीदवार भावना बजाज को 190 वोट व संदीप कौर को कुल 192 वोट मिले थे। इसे भावना ने चुनौती दी थी।
संवाद सहयोगी, सुजानपुर (पठानकोट)। अदालत के आदेश पर तीन वर्ष बाद गांव गुड़ा खुर्द में सरपंच चुनाव के दौरान डाले गए वोटों की दोबारा गिनती करवाई गई, जिसमें परिणाम पूरी तरह पलट गया। वर्ष 2018 में केवल 2 वोट से पराजित घोषित भावना बजाज को आखिरकार एक वोट से विजेता घोषित कर दिया गया। इस आदेश के बाद एक तरफ निराश तो दूसरी तरफ खुशी का माहौल है। यह गिनती 12 अक्टूबर को हुई थी।
दरअसल, दिसंबर 2018 में पंचायत चुनाव करवाए गए थे। गांव गुड़ा खुर्द में सरपंच चुनाव के लिए कुल 394 वोट पड़े थे। चुनाव के दिन ही वोट की गिनती हुई थी। इस गिनती में कांग्रेस उम्मीदवार भावना बजाज को 190 वोट व संदीप कौर को कुल 192 वोट मिले थे, जबकि 12 वोट निरस्त कर दिए गए थे। इस तरह सिर्फ दो वोट के अंतर से संदीप कौर को विजयी घोषित किया गया।
भावना बजाज ने इस नतीजे से असंतुष्टि जताते हुए हुए काउंटिंग में धांधली का आरोप लगाते हुए रिटर्निंग अधिकारी के फैसले को इलेक्शन ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी। उन्होंने गांव गुड़ा खुर्द में पोलिंग स्टेशन नंबर 56 में हुए चुनावों की दोबारा से मतगणना करने के लिए याचिका दायर कर दी। इस पर कोर्ट ने 29 सितंबर, 2021 को इलेक्शन ट्रिब्यूनल की ओर से दोबारा मतगणना कराने के निर्देश जारी किए। इसके बाद 12 अक्टूबर, 2021 को दोबारा मतगणना हुई, जिसमें भावना बजाज को 187 वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी संदीप कौर को 186 वोट मिले। इनमें 21 वोट ऐसे निकले जिनके ऊपर मतदाता की ओर से सही ढंग से मुहर नहीं लगाई गई थी, उन्हें निरस्त कर दिया गया।
आखिरकार न्याय मिला: भावना बजाज
कांग्रेस नेता व पूर्व सरपंच मनीष बजाज व सरपंच भावना बजाज ने अदालत के फैसले से संतुष्टि जताते हुए कहा कि आखिरकार उन्हें न्याय मिला है। सच्चाई की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि गांव के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सभी को साथ लेकर गांव का विकास किया जाएगा। मनीष बजाज ने बताया कि वह तीन बार गांव के लगातार सरपंच रहे हैं। अब चौथी बार उनकी पत्नी भावना बजाज सरपंच बनी हैं। इसके लिए गांव के सभी मतदाता का आभार व्यक्त करते हैं।
यह भी पढ़ें - Delhi Singhu Border Murder: बेरहमी से मारे गए लखबीर की पत्नी बोली; मेरा पति कभी अमृतसर नहीं गया, सिंघू बार्डर कैसे पहुंचा