ओटीएस को लेकर जालंधर के उद्यमियों में संशय, VAT असेसमेंट के लिए केवल एक दिन बचा

जालंधर के डीईटीसी परमजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी कि किसी भी केस की असेसमेंट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लिस्टेड केसों की पहले असेसमेंट की जाएगी और उसके बाद ही ओटीएस का लाभ लिया जा सकेगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 12:25 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 12:25 PM (IST)
ओटीएस को लेकर जालंधर के उद्यमियों में संशय, VAT असेसमेंट के लिए केवल एक दिन बचा
पंजाब भर में लगभग 7000 वैट असेसमेंट केस लंबित हैं, इनमें से डेढ़ हजार जालंधर के हैं। सांकेतिक चित्र।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण जालंधर के व्यापारियों में भारी रोष है। समस्या को लेकर वे सोमवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से आदमपुर में मिले थे। स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के पेंडिंग वेट असेसमेंट केसों के हल के लिए लाई गई ओटीएस को लेकर व्यापारियों एवं उद्योगपतियों में भारी संशय है। सरकार की तरफ से जारी की गई ओटीएस का अर्थ यह निकाला जा रहा है कि किसी भी केस की असेसमेंट नहीं की जाएगी। वहीं, विभाग का तर्क यह है कि लिस्टेड केसों की असेसमेंट के बिना ओटीएस का लाभ मिलना संभव ही नहीं है। वर्तमान समय में पंजाब भर में लगभग 7000 वैट असेसमेंट से संबंधित केस लंबित हैं, इनमें से डेढ़ हजार के लगभग जालंधर के हैं। 

जालंधर के डीईटीसी परमजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी कि किसी भी केस की असेसमेंट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लिस्टेड केसों की पहले असेसमेंट की जाएगी और उसके बाद ही ओटीएस का लाभ लिया जा सकेगा। इसके लिए संबंधित पार्टी को मात्र 30 फीसद की ही अदायगी करनी पड़ेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि विभाग की तरफ से असेसमेंट न करवाने वाली पार्टियों को एक्स पार्टी नोटिस जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि पंजाब सरकार की तरफ से लिस्टेड केसों की असेसमेंट न करने संबंधी कोई दिशा-निर्देश जारी ही नहीं किए गए हैं।

समय सीमा बढ़ाने की गुंजाइश नहीं

जालंधर में लगभग डेढ़ हजार वैट असेसमेंट केसों के लिए केवल वीरवार तक का ही समय बचा है। शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को छुट्टी रहेगी। अंतिम समय सीमा को बढ़ाया जाना भी संभव नहीं है क्योंकि वैट एक्ट खत्म किया जा चुका है, जिसमें संशोधन की कोई संभावना नहीं है।

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