लवली ऑटो हत्याकांडर: बिक्रमजीत ने मनप्रीत को 25 हजार में दिया था रिवाल्वर, रिमांड में खुलासा

बिक्रमजीत ने जो रिवॉल्वर मनप्रीत को दिया था वो विदेश में रहने वाली महिला मनजीत कौर का था। रिवॉल्वर पहले मनजीत कौर के पति के नाम पर था बाद में मनजीत के नाम पर ट्रांसफर हुआ था।

By Edited By: Publish:Tue, 03 Mar 2020 09:21 PM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2020 09:20 AM (IST)
लवली ऑटो हत्याकांडर: बिक्रमजीत ने मनप्रीत को 25 हजार में दिया था रिवाल्वर, रिमांड में खुलासा
लवली ऑटो हत्याकांडर: बिक्रमजीत ने मनप्रीत को 25 हजार में दिया था रिवाल्वर, रिमांड में खुलासा

जालंधर, जेएनएन। लवली ऑटो में काम करने वाली लड़की की गोली मारकर हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाले मनप्रीत ने भारत गन हाउस के मालिक सरवनजीत सिंह के बेटे बिक्रमजीत सिंह से 25 हजार रुपये देकर किराए पर रिवॉल्वर ली थी। बिक्रमजीत ने उसे छह गोलियां भी दी थी। पुलिस रिमांड में बिक्रमजीत ने यह खुलासा किया।

मनप्रीत रिवॉल्वर लेकर अगले ही दिन लवली ऑटो पहुंचा था, जहां उसने लड़की पर चार गोलियां चलाई। एक सिर में लगी, दूसरी पैर में और दो खाली निकलीं थी। बाद में एक गोली मनप्रीत ने अपने सिर में मारी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि लड़की ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था।

बिक्रमजीत ने जो रिवॉल्वर मनप्रीत को दिया था, वो विदेश में रहने वाली महिला मनजीत कौर का था। रिवॉल्वर पहले मनजीत कौर के पति के नाम पर था, लेकिन पति की मौत के बाद मनजीत के नाम पर ट्रांसफर हो गया। मनजीत विदेश जाने से पहले रिवॉल्वर चाचा गन हाउस में जमा करवा गई और दो साल का एडवांस भी दिया। बिक्रमजीत को यह पता था कि मनजीत की मौत हो चुकी है और यदि वह कुछ दिन के लिए रिवॉल्वर मनप्रीत को दे भी देगा तो किसी को पता नहीं चलेगा।

'दैनिक जागरण' ने लवली ऑटो में हुए हत्या व आत्महत्या कांड के बाद ही यह खुलासा कर दिया था कि शहर में गन हाउस से मर चुके लोगों के हथियार किराए पर मिलते हैं और मनप्रीत बिक्रम से किराए पर हथियार लेकर आया था। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। अब बिक्रम के बयान ने इस बात की पुष्टि कर दी है जिसके बाद पूरा पुलिस विभाग सकते में है। अब पुलिस जल्द ही शहर के सारे गन हाउस के रिकॉर्ड चेक करेगी।

दोस्ती, जरूरत और 'रकम' में मनप्रीत को दिया था रिवॉल्वर

बिक्रमजीत सिंह का पिता सरवनजीत सिंह मोहल्ला इस्लामगंज में भारत गन हाउस चलाता था और बिक्रमजीत अपने विदेश जा चुके दोस्त संदीप के कपूरथला स्थित चाचा गन हाउस को खुद संदीप बनकर चला रहा था। मनप्रीत उसे किसी जगह पर दोस्तों की महफिल में मिला था और दोस्ती हो गई थी। मनप्रीत को पता था कि बिक्रमजीत गन हाउस चलाता है। एकतरफा प्यार में पागल मनप्रीत ने जब लड़की की हत्या की साजिश रची तो वह बिक्रमजीत के पास गया। बिक्रमजीत से उसने कुछ दिनों के लिए कोई रिवॉल्वर देने को कहा ताकि वह दोस्तों पर रौब जमा सके। बिक्रमजीत ने पहले तो मना किया लेकिन जब मनप्रीत ने 25 हजार रुपये हफ्ते के लिए देने की बात कही तो बिक्रमजीत लालच में आ गया और रिवॉल्वर व छह गोलियां दे दी।

इससे पहले पुलिस को दिए बयान में बिक्रमजीत ने कहा था कि मनप्रीत धोखे से रिवॉल्वर ले गया लेकिन पुलिस को शिकायत न देने की बात पर फंस गया। बाद में उसने सच उगला। साथ ही कहा कि उसे नहीं पता था कि मनप्रीत इतना बड़ा कांड कर देगा।

मरने से पहले मनजीत ने दो साल का एडवांस देकर जमा करवाई थी रिवॉल्वर

बिक्रमजीत ने जो रिवॉल्वर मनप्रीत को दिया था, वो विदेश में रहने वाली महिला मनजीत कौर का था। पहले मनजीत कौर के पति के नाम पर था, लेकिन पति की मौत के बाद मनजीत के नाम पर ट्रांसफर हो गया। मनजीत विदेश जाने से पहले रिवॉल्वर चाचा गन हाउस में जमा करवा गई और दो साल का एडवांस भी दिया। बिक्रमजीत को यह पता था कि मनजीत की मौत हो चुकी है और यदि वह कुछ दिन के लिए रिवॉल्वर मनप्रीत को दे भी देगा तो किसी को पता नहीं चलेगा।

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