जेब पर भारी पड़ेगा जाम! शराब ठेकेदारों ने इकट्ठे होकर लिए 18 ग्रुप, कर सकते हैं मनमानी
शराब ठेकेदारों का एकजुट हो जाना लगभग सिंडिकेट बन जाने जैसी परिस्थितियां पैदा कर रहा है। इससे वे पूरे शहर में मनमर्जी से एक सामान रेट पर शराब बेच सकेंगे।
जालंधर, जेएनएन। लॉकडाउन/कर्फ्यू की वजह से भारी आर्थिक मंदी का रोना रो रहे शराब ठेकेदारों का एक कंपनी बनाकर इकट्ठे हो जाना अब जालंधरियों की जेब को महंगा पड़ सकता है। निकट भविष्य में जालंधर शहर में शराब के दाम महंगे हो जाने की प्रबल संभावना बन गई है। जालंधर शहर में शराब के 29 ग्रुपों को रिन्यू करवाने वाले ठेकेदारों ने ही पेंडिंग पड़े 18 ग्रुप लेने के लिए एक कंपनी बना डाली है। शराब ठेकेदारों का कंपनी बनाकर एकजुट हो जाना लगभग सिंडिकेट बन जाने जैसी परिस्थितियां पैदा कर रहा है, जो पूरे शहर में ठेकेदारों को मनमर्जी के एक सामान रेट पर शराब बेचने की सुविधा दे देगा।
इधर, पंजाब सरकार भी शराब की बिक्री के ऊपर अति शीघ्र कोविड सैस लगाने की तैयारी में जुट गई है जो शराब की कीमतों में अलग से बढ़ोतरी करेगा। अभी तक सेस कितना होगा इसकी तो कोई अधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रत्येक शराब की पेटी में 300 रुपये तक की बढ़ोतरी भी संभव है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक तरफ सरकार सेस लगाकर रेट बढ़ने देगी तो दूसरी तरफ ठेकेदार शहर में अपनी मर्जी के मुताबिक भी रेट निर्धारित करने में कामयाब हो जाएंगे, जो शराब के रेट को आसमान तक पहुंचा डालेंगे।
आबकारी विभाग बीते मार्च माह से ही शहर के पेंडिंग पड़े 18 ग्रुपों को अलॉट करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए था। वजह यह थी कि शराब ठेकेदार इन ग्रुपों को घाटे का सौदा बताते हुए ठेके लेने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे थे। इसी क्रम में तीन बार ग्रुपों को अलॉट करने की कोशिश भी विफल हो चुकी थी। इस प्रक्रिया में विभाग ने 18 ग्रुपों को क्लब करके छह ग्रुप बना दिए थे।
ठेकेदारों को लुभाने के लिए विभाग की तरफ से हर बार पेंडिंग ग्रुपों की सरकारी फीस को भी कम किया गया। आखिरकार शनिवार को विभाग इन पेंडिंग ग्रुपों को अलॉट करने में कामयाब हो गया। ठेकेदारों को 15 फीसद कम सरकारी फीस एवं लॉकडाउन की अवधि के 60 दिन को भी बिना जोड़े हुए ही ग्रुप अलॉट कर दिए गए। हालांकि ठेकेदार पेंडिंग ग्रुप अलॉट करवाने से पहले इकट्ठे होकर एक कंपनी बनाने में कामयाब हो गए ताकि किसी एक को घाटा न सहना पड़े।
अधिकारी बोले- ठेकेदारों को मनमर्जी नहीं करने देंगे
आबकारी विभाग के अधिकारी ठेकेदारों को मनमर्जी न करने देने के दावे कर रहे हैं। अधिकारियों का तर्क है कि ठेकेदार शराब के रेट बढ़ाने की स्थिति में ही नहीं होंगे, क्योंकि कोविड सैस शराब के रेट बढ़ा देगा और ठेकेदारों के पास शराब ज्यादा महंगी बेचने का कोई विकल्प नहीं होगा। तर्क यह भी दिया जा रहा है कि अगर जालंधर में शराब ज्यादा महंगी हो जाएगी तो फिर लोग आसपास के जिलों की तरफ देखना शुरू कर देंगे जिस से नुकसान जालंधर के ठेकेदारों का होगा।