पंजाब में रद किए जा सकते हैं शराब के एल-वन लाइसेंस! थोक कारोबारियों में मचा हड़कंप; जानिए क्या है कारण

पंजाब में शराब का थोक कारोबार करने वाले एल-वन लाइसेंस रद किए जा सकते हैं। एक्साइज विभाग इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। एल-वन लाइसेंस रद करने का आधार शराब की नियमित सप्लाई न होना ही बताया जा रहा है।

By Manupal SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 Oct 2022 04:38 PM (IST) Updated:Thu, 06 Oct 2022 04:38 PM (IST)
पंजाब में रद किए जा सकते हैं शराब के एल-वन लाइसेंस! थोक कारोबारियों में मचा हड़कंप; जानिए क्या है कारण
पंजाब में शराब के एल-वन लाइसेंस रद किए जा सकते हैं।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। प्रदेश में शराब का थोक कारोबार करने वाले एल-वन लाइसेंस रद किए जा सकते हैं। पंजाब सरकार के एक्साइज विभाग की तरफ से एल-वन लाइसेंस रद किए जाने को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। एल-वन लाइसेंस रद किए जाने की अटकलों के चलते शराब का थोक कारोबार करने वालों में खासा हड़कंप पाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एल-वन लाइसेंस रद करने का आधार शराब की नियमित सप्लाई न हो पाना ही बताया जा रहा है। विभाग की तरफ से एल-वन लाइसेंस रद करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले प्रदेश के तीनों शराब जोन से अधिकारियों की राय भी ली गई है। 

एक्साइज विभाग की तरफ से मौजूदा पालिसी जून महीने से लागू की गई थी और मात्र 9 महीनों के लिए थी। इस वजह से देसी शराब का एल-वन लाइसेंस के लिए 40 लाख रुपये और अंग्रेजी शराब के एल-वन लाइसेंस के लिए 4 करोड़ फीस ली गई थी। हालांकि शराब के थोक कारोबारियों का तर्क है कि ऐसा करना विभाग के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि विभाग की तरफ से उपरोक्त लाइसेंस देने के लिए मोटी फीस वसूली गई है। अगर सरकार को लाइसेंस रद्द करने है तो लाइसेंस फीस भी वापस करनी पड़ेगी।

लाइसेंस रद हुआ तो सीधे शराब की डिस्टलरी से ही खरीदनी पड़ेगी 

अगर विभाग की तरफ से एल-वन लाइसेंस रद किए जाते हैं तो फिर शराब ठेकेदारों को सीधे शराब की डिस्टलरी से ही खरीदनी पड़ेगी। जून महीने के दौरान भी जब शराब ठेके खोल दिए गए थे तब एल-वन खुल ही नहीं पाए थे और तब भी विभाग की तरफ से विशेष परमिट देकर शराब ठेकेदारों को सीधे डिस्टलरी से शराब खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी। वहीं दूसरी तरफ अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एल-वन लाइसेंस खत्म करने की प्रक्रिया चालू होने पर कारोबारियों को कुछ समय अवधि प्रदान की जाएगी ताकि वह स्टाक में पड़ी शराब को बेच सकें अथवा संबंधित कंपनी को वापस भेज सकें।

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