जालंधर के करतारपुर में Kartik Purnima पर हरे हरे कृष्ण महामंत्र पर झूमे श्रद्धालु, दीपदान करवाए

तीनो लोकों में ऐसा कोई पाप नहीं है जो इस मास में दीपदान करने से नष्ट न हो जाए। समीति ने दामोदर भगवान की पालकी को सुंदर तरीके से पुष्पों से सजाया तथा लोगों के दर्शनार्थ गली-गली घूमकर हरे कृष्ण महामंत्र की धुन पर झूमते हुए दीपदान करवाया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 03:00 PM (IST)
जालंधर के करतारपुर में Kartik Purnima पर हरे हरे कृष्ण महामंत्र पर झूमे श्रद्धालु, दीपदान करवाए
हरे कृष्ण प्रचार समिति करतारपुर द्वारा कार्तिक पूर्णिमा मास के अंतिम दिन घर घर जाकर दीपदान करवाते हुए।

संवाद सहयोगी, करतारपुर। हरे कृष्ण प्रचार समिति ने कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया। समिति के सदस्यों ने विभिन्न मोहल्लों में घर-घर जाकर लोगों से दीपदान करवाया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु हरे कृष्ण महामंत्र पर झूम उठे। हरे कृष्ण प्रचार समिति शीतला मंदिर गंगसर बाजार में 20 अक्टूबर से रोजाना दीपदान का आयोजन करवा रही है। रोजाना श्रद्धालु मंदिर में आकर दीपदान करते हैं। जो श्रद्धालु मंदिर नहीं पहुंच सकते हैं, उनके घर घर जाकर दीपदान करवाया जाता है। 

शास्त्रों के अनुसार जो कार्तिक मास में दामोदर भगवान को दीप अर्पित करता है, उसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। तीनो लोकों में ऐसा कोई पाप नहीं है, जो इस मास में दीपदान करने से नष्ट न हो जाए। समीति ने दामोदर भगवान की पालकी को सुंदर तरीके से पुष्पों से सजाया तथा लोगों के दर्शनार्थ गली-गली घूमकर हरे कृष्ण महामंत्र की धुन पर झूमते हुए दीपदान करवाया।

करतारपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिनाम संकीर्तन में हरे कृष्ण महामंत्र पर झूमते हुए श्रद्धालु।

बता दें कि हरे कृष्ण प्रचार समीति का यह बीज स्व. बालकृष्ण धीमान ने डाला था। उनका कुछ माह पहले निधन हो गया था। हालांकि उनकी ओर से आरंभ किया गया क्रम अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कार्तिक मास में रोजाना शीतला मंदिर में गजेंद्र मोक्ष की कथा भी चल रही है। हर रविवार सुबह 11 बजे भगवद् गीता की क्लास लगाई जा रही है। हरिनाम समाप्ति पर शैली महाजन तथा कृष्ण कुमार ने प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर बलबीर सौंधी, दयानिधि प्रभु, चंदन, अक्षय, पारस, वेश, गौरव अग्रवाल, हितेष, अनूप, हर्ष, शोभित, रंगादेवी , कमलावती , सुमना , रूबी, शैली, नंदना, मान्या, कृति, बारुनी, आस्था, मीनू, कविता, मानसी, पल्लवी, तानिया, प्रभ, भूमि, आशना, दीपिका, गीता, मोनिका, काजल आदि उपस्थित थे।

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