जालंधर में ग्रीन बेल्ट विकसित करने का सपना नहीं हुआ साकार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी देरी

Jalandhar Green Belt Development वर्तमान में शहर के कुल क्षेत्र का करीब 11% ग्रीन एरिया है। हालांकि इसमें से भी पार्कों और ग्रीन बेल्ट की हालत काफी खराब है। अगर जालंधर को स्मार्ट सिटी बनना है तो इन्हें अवश्य विकसित करना होगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 04:01 PM (IST)
जालंधर में ग्रीन बेल्ट विकसित करने का सपना नहीं हुआ साकार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी देरी
वर्तमान में शहर के कुल क्षेत्र का करीब 11% ग्रीन एरिया है।

जालंधर, जेएनएन। जालंधर में ग्रीन बेल्ट विकसित करने के प्रयासों को तगड़ा झटका लगा है। पहले से जारी कई योजनाओं में विकसित की जा रही ग्रीन बेल्ट की हालत कई वर्षों से बदहाल है। खासकर डॉल्फिन होटल चौक से मकसूदां तक की ग्रीन बेल्ट वर्षों बाद भी विकसित नहीं की जा सकी है।

नगर निगम इन ग्रीन बेल्ट को विकसित करने के लिए स्थानीय तौर पर कंपनियों की स्पॉन्सरशिप भी हासिल नहीं कर पाया है। पटेल चौक से लेकर वर्कशॉप चौक तक की ग्रीन बेल्ट पर ट्रांसपोर्टरों ने कब्जा कर रखा है। कभी इन ग्रीन बेल्ट को विभिन्न संस्थाएं विकसित करती थी और इनका रखरखाव भी लगातार रहता था।

इसी तरह लम्मा पिंड चौक, पठानकोट फ्लाईओवर, फोकल प्वाइंट ग्रीन बेल्ट भी विकसित नहीं हो पाई हैं। इन सभी ग्रीन बेल्ट को स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जाना है लेकिन इस पर काम भी बहुत धीमी गति से चल रहा है।

महानगर के कुल क्षेत्र का मात्र 11 फीसद ग्रीन एरिया

केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत अगर शहर में 15% ग्रीन एरिया है तो वहां पर विकास कार्यों के लिए ज्यादा ग्रांट मिलती है। जालंधर इस मानक पर खरा नहीं उतरता है। पहले सर्वे में शहर में सिर्फ 6% ग्रीन बेल्ट थी। बाद में केंद्र सरकार ने नियमों में ढील दी तो महानगर में एग्रीकल्चर लैंड को भी ग्रीन एरिया में शामिल कर लिया गया। वर्तमान में शहर के कुल क्षेत्र का करीब 11% ग्रीन एरिया है। हालांकि इसमें से भी पार्कों और ग्रीन बेल्ट की हालत काफी खराब है। अगर जालंधर को स्मार्ट सिटी बनना है तो इन्हें अवश्य विकसित करना होगा।

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