जालंधर में केवल एक फोरलेन पुल हुआ सिक्स लेन में तब्दील, बाकी किए गए नजरअंदाज

जालंधर में पीएपी आरओबी के चौड़ा होने से जालंधर को राहत जरूर मिलेगी लेकिन शहर में अभी भी सिक्स लाइन हाईवे पर तीन फ्लाईओवर ऐसे हैं जो फोरलेन ही हैं और संकरे होने की वजह से आए दिन इन पर दुर्घटनाएं हो रही हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 09:57 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 09:57 AM (IST)
जालंधर में केवल एक फोरलेन पुल हुआ सिक्स लेन में तब्दील, बाकी किए गए नजरअंदाज
पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को चौड़ा किया जा रहा है। जागरण

मनुपाल शर्मा, जालंधर। एक दशक से भी अधिक समय तक जिस बदलाव को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) असंभव बताती रही, वही बदलाव चेयरमैन के एक दौरे से ही संभव हो गया। फरवरी 2020 में एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधू ने अपने जालंधर दौरे के दौरान पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को चौड़ा करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके बाद कुछ ही महीनों में एनएचएआई ने आरओबी को चौड़ा करने का डिजाइन भी बना लिया और ठेकेदार को काम भी सौंप दिया। आरओबी के चौड़ा होने से जालंधर को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन शहर में अभी भी सिक्स लाइन हाईवे पर तीन फ्लाईओवर ऐसे हैं, जो फोरलेन ही हैं और संकरे होने की वजह से आए दिन इन पर दुर्घटनाएं हो रही हैं।

सूर्या एंक्लेव के ठीक सामने जालंधर शहर-सुच्ची पिंड रेलखंड पर बना आरओबी, लम्मा पिंड और पठानकोट चौक पर बने फ्लाईओवर अभी भी फोरलेन ही हैं। इन पर भारी भरकम ट्रैफिक जाम लग रहा है और दोपहिया वाहनों के टकराने की भी घटनाएं हो रही हैं। बावजूद इसके इन बाकी बचे तीन पुलों को चौड़ा करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। 291.9 किलोमीटर लंबे जालंधर-पानीपत सिक्स लाइन हाईवे प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खामी ही यह है कि पुराने चार लेन पुलों को सिक्स लेन में तब्दील करने संबंधी उसे प्रोजेक्ट को डिजाइन में शामिल ही नहीं किया गया। एनएचएआई के अधिकारी इस प्रोजेक्ट के डिजाइन को लेकर अब कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। तर्क यह दिया जा रहा है कि वर्ष 2009 से पहले प्रोजेक्ट डिजाइन किया गया और तब वे डिजाइनिंग में शामिल नहीं थे और न ही प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट में कोई शमूलियत थी।

भाजपा पंजाब कार्यकारिणी सदस्य मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि इतनी बड़ी खामी के लिए एनएचएआई की तत्कालीन अफसरशाही जिम्मेदार है। सरकार को उन अधिकारियों के संबंध में पूरी जानकारी है। इस वजह से इन अधिकारियों को पकड़कर उन पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए। वजह यह है कि पुल चौड़े न होने की वजह से हादसे हो रहे हैं। लोगों की जान जा रही है और लंबे ट्रैफिक जाम हो रहे हैं।

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