फल-सब्जियों की Monday Rate List जारी, कालाबाजारी की शिकायत पुलिस को करें

अगर कोई रेहड़ीवाला लिस्ट से ज्यादा दाम वसूले तो शहरवासी उसकी शिकायत डीसी कंट्रोल रूम को 0181-2224417 या पुलिस कंट्रोल रूम पर 95929-18502 कर सकते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 06 Apr 2020 10:27 AM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 10:27 AM (IST)
फल-सब्जियों की Monday Rate List जारी, कालाबाजारी की शिकायत पुलिस को करें
फल-सब्जियों की Monday Rate List जारी, कालाबाजारी की शिकायत पुलिस को करें

जालंधर, जेएनएन। जिला प्रशासन ने छह अप्रैल यानि सोमवार की रेट लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 24 तरह की फल सब्जियों को शामिल किया गया है। अगर कोई इससे महंगे रेट से बेचता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। उससे कर्फ्यू पास भी छीन लिया जाएगा और उसे मंडी से फल-सब्जी भी नहीं उठाने दी जाएगी। कालाबाजारी की शिकायत डीसी कंट्रोल रूम को 0181-2224417 या पुलिस कंट्रोल रूम पर 95929-18502 कर सकते हैं। प्रशासन की तरफ से यह रेट लिस्ट रोजाना जारी की जा रही है। 

ये हैं 06 अप्रैल के रेट

प्याज - ₹30 किलो 

टमाटर - ₹20 किलो

आलू - ₹20 किलो

गोभी - ₹15 किलो 

अदरक - ₹120 किलो

लहसुन - ₹110 किलो

घीया लौकी - ₹20 किलो

खीरा - ₹15 किलो

मटर - ₹40 किलो

गाजर - ₹20 किलो

मिर्ची - ₹35 किलो

नींबू - ₹50 किलो

बंद गोभी - ₹15 किलो

किन्नू - ₹35 किलो

केला - ₹65 दर्जन

पपीता - ₹50 किलो

अंगूर - ₹80 किलो

अनानास - ₹30 किलो

सेब - ₹115 किलो

बैंगन - ₹25 किलो

भिंडी - ₹65 किलो

मूली - ₹15 किलो

हलवा कद्दू - ₹15 किलो

धनिया - ₹20 किलो

 स्वास्थ्य जांच के कारण मकसूदां सब्जी मंडी के बाहर लगी लंबी कतारें

 

जालंधरः मकसूदां मंडी गेट पर स्वास्थ्य जांच के कारण बाहर लगी रेहड़ी वालों की कतारें। 

जालंधर, जेएनएन। सोमवार को मकसूदां स्थित थोक सब्जी मंडी में रिटेल बिक्री करने के लिए पहुंचे रेहड़ी तथा टेंपो की लंबी कतार लग गई। यह कतार मकसूदा मंडी के गेट से लेकर डीएवी कॉलेज फ्लाईओवर तक पहुंच गई। गेट पर सेहत विभाग की टीम द्वारा चेकिंग करने और क्रमवार मंडी के अंदर भेजने की प्रक्रिया के बीच बाहर भारी जाम लग गया। उधर, मंडी के अंदर प्रशासन की सख्ती के बावजूद कई जगहों पर भीड़ रही। भले ही मंडी में प्रशासन द्वारा गोले लगाए गए हैं। जहां पर खड़े होकर अपनी पारी का इंतजार करने की हिदायत दी हुई है। बावजूद इसके इन नियमों की परवाह नहीं की जा रही।

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