आर्थिक संकट से जूझ रही इंडस्ट्री को वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने से बैंकों का इनकार

पंजाब लेदर फेडरेशन के प्रधान प्रवीण कुमार ने कहा कि बैंक प्रबंधन आरबीआई की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 19 Apr 2020 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2020 09:03 AM (IST)
आर्थिक संकट से जूझ रही इंडस्ट्री को वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने से बैंकों का इनकार
आर्थिक संकट से जूझ रही इंडस्ट्री को वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने से बैंकों का इनकार

जालंधर [कमल किशोर]। कोविड-19 को लेकर आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को चार फीसद घटाकर 3.75 कर दी है। रेपो रेट कम करने का मकसद यह है कि बैंक जरूरतमंद उद्योगों को कर्ज देने में कंजूसी न करें। आरबीआई ने वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अतिरिक्त देने की गाइडलाइन जारी की थी। फिलहाल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइन को बैंक प्रबंधन नहीं मान रहे है। बैंक प्रबंधन ने दस प्रतिशत देने के लिए रेटिंग कर दी है। जो उद्योग एक से छह रेटिंग में आते है उन्हें दस प्रतिशत दिया जा रहा है।

जो उद्योग सात व दस के बीच हैं, उन्हें दस प्रतिशत नहीं दिया जा रहा है। सात से दस प्रतिशत रेटिंग में वह इंडस्ट्री आ रही है जो पहले ही आर्थिक संकट में गुजर रही थी। कोरोना वायरस से इंडस्ट्री बंद होने से इंडस्ट्री का सरवाइव करना मुश्किल हो जाएगा। बैंक दस प्रतिशत की आर्थिक सहायता नहीं करता है तो इंडस्ट्री बंद होने के कगार में पहुंच सकती है।

क्या होती है वर्किंग कैपिटल मनी

उद्योग शुरू करने के लिए बैंक से वर्किंग कैपिटल मनी लगाई जाती है। इंडस्ट्री कैपिटल मनी का ब्याज भी देती है। उद्योगपतियों ने कैपिटल मनी कारोबार शुरू करने में लगाई होती है। मान लीजिए किसी उद्योगपति ने दस करोड़ रुपए की वर्किंग कैपिटल मनी ली है। आरबीआई ने बैंक प्रबंधनों को मनी का दस प्रतिशत अधिक देने की बात कही थी ताकि इंडस्ट्री सरवाइव कर सके।

बैंक भी नहीं लेना चाहता कोई रिस्क

सात से दस रेटिंग में आने वाले उद्योगों को वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने में बैंक भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। अगर इंडस्ट्री बंद हो जाती है। बैंक में सोच समझ कर दस प्रतिशत अतिरिक्त दे रहा है।

बैंक प्रबंधन आरबीआई की गाइडलाइंस नजरअंदाज कर रहाः प्रवीण कुमार

पंजाब लेदर फेडरेशन के प्रधान प्रवीण कुमार ने कहा कि बैंक प्रबंधन आरबीआई की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर रहा है। उद्योगों को कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने के लिए अपनी कंडीशन पर ही उद्योगों की रेटिंग तैयार कर रखी है। किस उद्योग को दस प्रतिशत देना है किस को नहीं। फिलहाल, लॉकडाउन से इंडस्ट्री का करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित होता है। बैंकों को आरबीआई की गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए।

स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कम्पलेक्स के प्रधान मनीष अरोड़ा ने बताया कि छोटे उद्योगों को कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अतिरिक्त मिल जाता है तो कोरोना वायरस के बीच बंद पड़ी इंडस्ट्री आने-वाले दिनों में सरवाइव होना शुरु हो जाएगा।

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