जालंधर में मायके छोड़ने की बात सुन भड़के पति व ससुर ने बहू पर मारी कृपाण, चिमटे से भी पीटा

गांव सिधवां स्टेशन की रहने वाली मनजीत कौर ने पुलिस को बताया कि साल 2011 में उसका विवाह जसविंदर सिंह के साथ हुआ था। शादी के बाद उसे एक बेटी पैदा हुई जिसकी उम्र छह साल है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 01:16 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 01:16 PM (IST)
जालंधर में मायके छोड़ने की बात सुन भड़के पति व ससुर ने बहू पर मारी कृपाण, चिमटे से भी पीटा
जालंधर में मायके छोड़ने की बात सुन भड़के पति व ससुर ने बहू पर मारी कृपाण, चिमटे से भी पीटा

जालंधर, जेएनएन। जिस बहू को रजामंदी से हुए तलाक के बाद फिर मनाकर ससुराल लाए, उसी से फिर मारपीट शुरू कर दी। जब बहू ने मायके छोड़ने के लिए कहा तो इस बात से पति व ससुर भड़क उठे। उन्होंने कृपाण और चिमटे से बहू की पिटाई कर दी। घटना शाहकोट के गांव थम्मूवाल की है। पुलिस ने अब थाना शाहकोट में आरोपित पति और ससुर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

गांव सिधवां स्टेशन की रहने वाली मनजीत कौर ने पुलिस को बताया कि साल 2011 में उसका विवाह जसविंदर सिंह के साथ हुआ था। शादी के बाद उसे एक बेटी पैदा हुई, जिसकी उम्र छह साल है। इसके बाद उसका पति जसविंदर सिंह के साथ झगड़ा रहने लगा। आपस में झगड़े की वजह से साल 2017 में उन्होंने आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया। वह अपने मायके गांव सिधवां आ गई। मार्च 2020 में उसके पति जसविंदर ने फिर उनके यहां आना-जाना शुरू कर दिया।

जब उसका पति पहले दिन आया तो उसका पिता तारा सिंह, पंच निशान सिंह, गांव का सरपंच कामरेड चरनजीत सिंह और कामरेड निर्मल सिंह मलसियां साथ में थे। जसविंदर कहने लगा कि वह अपनी पत्नी व बच्चे के बिना नहीं रह सकता। उस समय उसके माता-पिता नहीं माने। 20 जुलाई को फिर कुछ गणमान्य लोगों को लेकर आया। दोनों पक्षों की पंचायत में समझौते के बाद 24 जुलाई को वापस जाने का समय तय हो गया। उसने अपने पति के साथ जाने की बात स्वीकार कर ली। तय दिन उसका पति जसविंदर सिंह अपने माता-पिता व दूसरे रिश्तेदारों के साथ पहुंचा और उन्हें घर ले गया।

हालांकि चार-पांच दिन बाद ही जसविंदर फिर उससे झगड़ा करने लगा। उसके साथ मारपीट भी करने लगा। मनजीत के मुताबिक उसका पति अमेरिका जाना चाहता था और ससुर तारा सिंह भी उसे शह देता था। 28 अगस्त को शाम करीब साढ़े चार बजे उसके पति जसविंदर व ससुर तारा सिंह ने उससे झगड़ा करना शुरू कर दिया। दोनों ने उसके साथ मारपीट की। इसके बाद वह दोनों बाबा बिट्टू सरकार के दरबार में चले गए। वह भी बेटी को लेकर वहां चली गई। वहां पहुंची तो देखा कि उसका पति व ससुर धूनी पर बैठे थे।

शिकायतकर्ता ने उनसे कहा कि अगर उसके साथ इसी तरह मारपीट करनी है तो उसे उसके मायके सिधवां स्टेशन छोड़ दो। इतने में पति व ससुर ने उल्टा-सीधा बोलना शुरू कर दिया। उसके पति ने कृपाण और ससुर ने धूने वाला चिमटा उठा लिया। इससे दोनों उस पर हमला करने लगे। पति ने उस पर कृपाण का वार किया तो बचाव में उसके हाथ पर चोट लग गई। ससुर ने भी चिमटे से सिर के पीछे चिमटे से हमला कर दिया। जिससे वह बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी। तब तक उसकी भाभी सतिंदर कौर वहां आ गई और लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया।

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