ढाई घंटे किया इंतजार, सिविल सर्जन ने समय रहते नहीं भेजी टीम

भोगपुर के बाघा अस्पताल एंड मेटरनिटी होम में कोख में पल रहे भ्रूण के ¨लग जांच को लेकर सेहत विभाग हरियाणा की टीम की छापामारी से इंटर स्टेट रैकेट का पर्दाफाश होने का मामला पंजाब व हरियाणा सरकार के आला अधिकारियों तक पहुंच चुका है। डिप्टी कमिश्नर वरिन्दर शर्मा की ओर से एडीसी जनरल जसबीर ¨सह से करवाई जा रही जांच में कई खुलासे होने वाले है। रिपोर्ट सरकार के पास जाने के बाद छापामारी में सहयोग न करने वाली सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर व जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. गुरमीत कौर के खिलाफ कार्रवाई संभावित है। सेहत विभाग अंबाला ने एडीसी के पत्र के जबाव में सिविल सर्जन जालंधर डॉ. जसप्रीत कौर व जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. गुरमीत कौर की कारगुजारी की पोल खोल कर रख दी है। अंबाला के अधिकारियों ने सिविल सर्जन जालंधर की ओर से करीब 2.30 घंटे तक सहयोग न देने

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 09:38 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 09:38 PM (IST)
ढाई घंटे किया इंतजार, सिविल सर्जन ने समय रहते नहीं भेजी टीम
ढाई घंटे किया इंतजार, सिविल सर्जन ने समय रहते नहीं भेजी टीम

जागरण संवाददाता, जालंधर

सेहत विभाग अंबाला के अधिकारियों ने भ्रूण लिंग जांच मामले की जांच कर रहे एडीसी जनरल जसबीर सिंह के पत्र के जबाव में सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर व जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. गुरमीत कौर की कारगुजारी की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन की ओर से करीब 2.30 घंटे तक सहयोग न देने के कारण मुख्य आरोपितों को फरार होने का मौका मिला। साथ ही बाघा अस्पताल के पठानकोट सेंटर की भी जानकारी उनसे छिपाई गई। एडीसी जनरल ने सोमवार को रिपोर्ट पेश करने की बात कही है। माना जा रहा है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। उधर, सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर ने आरोपों को नकारा है और समय पर पूरा सहयोग देने का दावा किया है।

अंबाला की टीम के डॉ. अरविंदर बोले, कई फोन किए, लंबा इंतजार करना पड़ा

अंबाला की टीम के नोडल अफसर डॉ. अरविंदर जीत ¨सह का कहना है कि मामले की जांच कर रहे एडीसी जसबीर ¨सह ने सिविल सर्जन जालंधर की ओर से छापामारी में सहयोग देने के मामले को लेकर पत्र जारी कर रिपोर्ट मांगी थी। सेहत विभाग अंबाला ने शनिवार को रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने कहा कि टीम अंबाला से लंबा सफर तय कर भोगपुर पहुंची लेकिन सिविल सर्जन जसप्रीत कौर सेखो का सहयोग न मिलने से नतीजे पूरे नहीं नहीं मिले। छापामारी के दौरान सिविल सर्जन को समय पर सूचित किया गया। इसके बावजूद टीम को 2.30 घंटे का लंबा इंतजार करना पड़ा।

इस दौरान अस्पताल के डॉ. एचएस कंग को सेंटर को ताला लगाने, रिकॉर्ड छिपाने और फरार होने मौका मिल गया। एंजेट की साथी डॉ. निरोत्तम पुरी को भी सेहत विभाग के हवाले किया गया था पर वह भी फरार हो गई। देर रात तक इंतजार करने के बावजूद टीम को निराश होकर लौटना पड़ा। वहीं, टीम ने मौके पर सील भी आननफानन में लगाई जो उखड़ गई थी। कमजोर दरवाजे से रिकार्ड खुर्द बुर्द होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सेंटर में एमटीपी और पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ती रहीं लोकल टीम ने कभी ध्यान नहीं दिया।

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मुझे सेहत विभाग अंबाला और जालंधर से संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट मिल गई है। सोमवार को रिपोर्ट तैयार कर डीसी वरिंदर शर्मा को पेश की जाएगी।

-जसबीर ¨सह, एडीसी।

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तीन संगीन आरोप

डॉ. अरविंदर जीत ¨सह ने सेहत विभाग जालंधर पर मामले से जुड़ी कई सूचनाएं छिपाने के आरोप लगाए हैं।

1. पठानकोट रोड पर बाघा अस्पाल का दूसरा सेंटर भी था जिसे सेहत विभाग ने दो दिन बाद सील किया। उनकी टीम से यह सूचना छिपाई गई। अगर समय पर सूचना मिलती तो उनकी टीम वहां भी छापामारी कर कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल कर सकती थी।

2. बाघा अस्पताल के डॉक्टर की ओर से पीसीपीएनडीटी एक्ट की पालना न करने के आरोपों में निचली अदालत से सजा होने की सूचना भी छिपाई गई।

3. बाघा अस्पताल का सेंटर 24 घंटे के लिए सील किया ताकि डॉक्टर अपना पक्ष रख सके। सेहत विभाग जांलधर ने सात दिन का नोटिस जारी कर डॉक्टर को बचाव का रास्ता तैयार करने का पूरा मौका दे दिया है।

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सिविल सर्जन की सफाई : सूचना मिलते ही कर दी थीं टीमें रवाना

सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर सेखों ने सेहत विभाग अंबाला की ओर से लगाए आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा कि टीम की ओर से सूचना मिलते ही जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. गुरमीत कौर की अगुवाई में टीमें रवाना कर दी गई थीं। इसके अलावा जांच अधिकारी एडीसी जसबीर ¨सह व सेहत विभाग के आला अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई है।

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