सरकार ने बुजुर्गों और विधवाओं के दबाए 34 करोड़, नहीं मिल रही पेंशन

मिट्ठापुर के सुरजीत सिंह ने बताया कि वह नवंबर 26 से करीबन रोजाना पास ही स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की शाखा के कई चक्कर लगा चुके हैं।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Apr 2017 12:47 PM (IST) Updated:Wed, 19 Apr 2017 12:47 PM (IST)
सरकार ने बुजुर्गों और विधवाओं के दबाए 34 करोड़, नहीं मिल रही पेंशन
सरकार ने बुजुर्गों और विधवाओं के दबाए 34 करोड़, नहीं मिल रही पेंशन

जालंधर, [धर्मेद्र जोशी]। सरकार ने जिले के 1,15,000 बुजुर्गों और विधवाओं के पिछले छह माह से पेंशन के 34 करोड़ 50 लाख रुपये दबा रखे हैं। पिछले छह माह से मात्र 500 रुपये महीना मिलने वाली बुढ़ापा पेंशन के लिए बुजुर्ग तरस रहे हैं। बुजुर्ग रोजाना बैंकों में जाकर पेंशन के बारे में पता करते हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्गो को आखिरी बार अक्टूबर 26 में पेंशन मिली थी।

जालंधर के मिट्ठापुर के सुरजीत सिंह ने बताया कि वह नवंबर 26 से करीबन रोजाना पास ही स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की शाखा के कई चक्कर लगा चुके हैं। इस आस में कि पिछले छह माह से रुकी उनकी पेंशन खाते में आ गए। लेकिन अभी तक निराशा हाथ लगी है। वे जिला प्रशासनिक कार्यालय (डीएसी) में स्थित सोशल सिक्योरिटी आफिस भी कई बार गए लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।

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सुरजीत ने बताया कि उन्हें 500 रुपया प्रति माह पेंशन मिलती है। पिछले साल अक्टूबर के बाद से पेंशन नहीं मिली। पत्नी सतिंदर कौर की भी बुढ़ापा पेंशन तभी से बंद है। साल के सुरजीत सिंह ने कहा कि हालांकि पेंशन का पैसा दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी कम है लेकिन फिर भी हम यह पैसा दवा-दारू या दूसरे जरूरी कामों में इस्तेमाल करते थे। लेकिन पेंशन न मिलने से काफी परेशानी आ रही है। सुरजीत सिंह या सतिंदर कौर अकेले नहीं हैं जिन्हें पिछले छह माह से पेंशन नहीं मिली। जिले में कुल 1,15,000 और पूरे पंजाब में कुल ,03,000 बुजुर्ग और विधवाओं को नवंबर 26 से पेंशन नहीं मिली है।

शहरों के लाभार्थियों की पेंशन शुरू से ही उनके खातों में आ रही है जबकि दिसंबर 24 से दिसंबर 25 को छोड़कर गांवों के लाभार्थियों की पेंशन पंचायतों के जरिए सरपंचों से मिलती रही है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ महीने पहले इलेक्शन कोड लगने से सरपंचों के जरिए पेंशन बांटने पर रोक के चलते शहरों में भी पेंशन इसलिए नहीं बंटी कि अगर शहरों में पेंशन मिली और गांवों में न मिली तो गांव के लाभार्थी नाराज न हो जाएं। सूत्र बताते हैं कि अब अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली नई बनी कांग्रेस सरकार दिसंबर 14 से दिसंबर 15 की तरह गांववालों की पेंशन भी उनके बैंक खातों में सीधा भेजने की पॉलिसी पर गहराई से विचार कर रही है। इस पॉलिसी पर अंतिम निर्णय लेने में हो रही देरी के कारण रुकी पेंशन शुरू नहीं हो पा रही।

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