हैकर ने खुद को सैनिक बता कपड़ा व्यापारी के खाते से सात हजार उड़ाए

जो लोग सामान बेचने के लिए ऑनलाइन साइट का सहारा लेते हैं वो सावधान हो जाएं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Mar 2020 01:31 AM (IST) Updated:Sat, 07 Mar 2020 01:31 AM (IST)
हैकर ने खुद को सैनिक बता कपड़ा व्यापारी के खाते से सात हजार उड़ाए
हैकर ने खुद को सैनिक बता कपड़ा व्यापारी के खाते से सात हजार उड़ाए

सुक्रांत, जालंधर : जो लोग सामान बेचने के लिए ऑनलाइन साइट का सहारा लेते हैं, वो सावधान हो जाएं। ठगों ने अब ऑनलाइन खरीदारी करने के नाम पर ठगना शुरू कर दिया है। ऐसी ही ठगी जालंधर के गोपाल नगर में रहने वाली कपड़ा व्यापारी मनप्रीत सिंह से साथ हुई है। एक हैकर ने ऑनलाइन खरीदारी की एवज में उसके अकाउंट में पैसे डालने की बात कहकर उसके अकाउंट से ही पैसे निकाल लिए।

मनप्रीत ने बताया कि बीते दिनों उसके एक दोस्त का फोन आया कि उसने ऑनलाइन साइट पर मास्क, सेनेटाइजर बेचने के लिए डाला है। इंडियन आर्मी का एक जवान सामान खरीदना चाहता है और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करना चाहता है। दोस्त ने कहा कि उसका अपना अकाउंट चल नहीं रहा तो मनप्रीत अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कर ले। यह कहकर दोस्त ने मनप्रीत का नंबर खरीदार को दे दिया। कुछ ही देर बाद मनप्रीत को फोन आया तो उधर से युवक ने खुद को आर्मी का बताया और कहा कि वह सीधे अपने क्रेडिट कार्ड से उसके खाते में पैसे ट्रांसफर कर देगा। उसने एक कोड दिया और कहा कि इसे ऑन लाइन अपने खाते में डाल ले। कोड में 20 हजार रुपये की रकम लिखी थी। कोड डालने से पैसे नहीं आए तो उसने दोबारा सात हजार रुपये का कोड बनाकर भेजा। जैसे ही उन्होंने वह कोड अपने खाते में डाला, उनके खाते से सात हजार रुपये उड़ गए। जब उन्होंने उससे पैसे वापस डालने के लिए कहा तो उसने अपने बॉस से बात करवाई और उसने भी कहा कि वह इंडियन आर्मी से है, वह पैसे वापिस अकाउंट में डाल देगा।

इसी बीच उसके मोबाइल पर एक ओटीपी जेनरेट हुआ तो उन्होंने वह भी मांगा। इस बार मनप्रीत ने ओटीपी देने से मना किया तो वे गालियां निकालने लगे। मनप्रीत ने बताया कि वह इस मामले को लेकर सीपी को शिकायत देंगे।

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ट्रूकॉलर पर दिखा 'फ्रॉड'

मनप्रीत को जिस नंबर से फोन आया था, वो ट्रूकॉलर पर फ्रॉड के नाम से दर्ज था। मनप्रीत ने बताया कि उसने उक्त नंबर पर दो तीन बार फोन किए तो आगे से वही आदमी फोन उठाता था और हर बार कोई न कोई बहाना बना कर टाल देता था।

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