होशियारपुर में करोड़ों खर्च कर बनाए गए सुविधा केंद्र खंडहरों में हो रहे तबदील, बार-बार चक्कर काटने पर भी नहीं होते काम

होशियारपुर में दो से तीन सेवा केंद्रों को छोड़कर बाकी सारे केंद्र बंद पड़े हैं। शहर में सात सेवा केंद्र खोलने की योजना थी लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। इनके निर्माण में खर्च हुए करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 09:47 AM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 09:47 AM (IST)
होशियारपुर में करोड़ों खर्च कर बनाए गए सुविधा केंद्र खंडहरों में हो रहे तबदील, बार-बार चक्कर काटने पर भी नहीं होते काम
होशियारपुर में मोहल्ला बहादुरपुर में बनाए गए सुविधा केंद्र का बाहरी दृश्य।

होशियारपुर [नीरज शर्मा]। सरकार द्वारा लोगों को सरकारी काम करवाने में होने वाली परेशानियों का हल करने संबंधी सुविधा केंद्र खोले की तैयारी की गई थी। जिसके तहत लोगों को अपने काम करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटने की जरुरत नहीं पड़नी थी और सारे सरकारी काम सुविधा केंद्रों में किए जाने थे। इस योजना के तहत पूरे जिले में अलग-अलग इलाकों में सुविधा केंद्र खोले भी गए थे। इन सुविधा केंद्रों के निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। जिसमें 16 सेवा केंद्रों का उद्घाटन हुआ था, परंतु समय के साथ-साथ सारी प्लानिंग ठप्प हो गई। कुछ एक केंद्रों को छोड़कर बाकी सभी केंद्रों पर ताला लग गया। इनके निर्माण में खर्च हुए करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए।

बता दें कि होशियारपुर में सात सेवा केंद्र खोलने की योजना थी लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। कुल मिलाकर अब होशियारपुर में मात्र दो से तीन केंद्रों को छोड़कर बाकी सारे केंद्र बंद पड़े हैं और यह सुविधा केंद्र नशेड़ियों व बेसहारा पशुओं की शरण स्थली बनकर गए हैं। शहर में अलग अलग जगह पर बनाए गए सुविधा केंद्रों में से कुछ ही सुविधा केंद्रों में काम हो रहा है। जिसमें मुख्यता मिनी सचिवालय, फायर ब्रिगेड आफिस व आइटीआइ के साथ लगते सुविधा केंद्रों पर ही काम चल रहा है। बाकी सभी सुविधा केंद्रों में शुरु होने से पहले ही ताला गया। बता दें कि नलोइयां चौक, अज्जोवाल, बहादुरपुर गंजा स्कूल के पास सहित कई सुविधा केंद्र हैं जहां पर काम ठप्प है। इन इलाके के लोगों को काम कराने के लिए मिनी सचिवालय सुविधा केंद्र में जाना पड़ता है।

क्या थी सरकार की योजना

सुविधा केंद्रों को खोलने का मुख्य एक कारण था कि जो लोग सरकारी दफ्तरों में किसी भी कारण नहीं जा सकते वे लोग इन सुविधा केंद्रों में आकर अपने सभी कार्य करवा सकते हैं, यानी एक ही खिड़की पर हर तरह की सुविधा मिल सके। जिसमें अलग-अलग तरह से प्रमाण पत्र हैं, परंतु आसपास के इलाकों में सुविधा केंद्र न चलने से लोगों को न चाहते हुए भी मिनी सचिवालय व फायर ब्रिगेड में खुले सुविधा केंद्र का रुख करना पड़ता है। जिससे काम कर रहे सुविधा केंद्रों में अधिक भीड़ होने से लोगों को काम करवाने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।

हर काम के लिए तय की गई है समय सीमा, पर नहीं होता समय पर काम

सभी सुविधा केंद्र न खुलने से जिन सुविधा केंद्रों में काम हो रहा है हद से अधिक बोझ हैं। बता दें कि सुविधा केंद्र खोलने के साथ-साथ सरकार ने यह घोषणा की थी कि अलग-अलग तरह के कार्यो के लिए समय सीमा तय की गई थी। यानी कोई भी काम हो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा 15 दिन का समय लगता था, परंतु हालात सरकार की घोषणाओं के उल्ट हैं, सुविधा केंद्र केवल असुविधा केंद्र बनकर रह गए हैं और अधिकतर कामों करवाने के लिए लोगों को कई-कई चक्कर काटने पड़ते हैं। पूरे सुविधा केंद्र शुरु न होने से लोग इन सेवा केंद्रों का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं और जिसके चलते जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में बने सुविधा केंद्र में ही जिले भर से लोग काम करवाने के लिए आ रहे है।

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