शिक्षा का बंटाधार और ड्रेस में उलझी है सरकार, गुरुओं का नेताओं पर तीखा वार

पंजाब में शिक्षा के गिरते स्‍तर में सुधार के बजाए शिक्षकों का ड्रेस कोड बड़ा मुद्दा बन गया है। शिक्षा मंत्री द्वारा पेंट-शर्ट में स्‍कूल आने के फरमान से शिक्षक भड़क गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 19 Jul 2018 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 08:43 PM (IST)
शिक्षा का बंटाधार और ड्रेस में उलझी है सरकार, गुरुओं का नेताओं पर तीखा वार
शिक्षा का बंटाधार और ड्रेस में उलझी है सरकार, गुरुओं का नेताओं पर तीखा वार

जेएनएन, जालंधर। पंजाब में स्‍कूली शिक्षा का बुरा हाल किसी से छिपा नहीं है। स्‍कूलों का परीक्षा परिणाम हर साल बद से बदतर हो रहा है, लेकिन इस आेर ध्‍यान देने की जगह बेतुके फरमान जारी हो रहे हैं। लगता है शिक्षा के स्‍तर में सुधार की जगह सरकार का शिक्षकों के ड्रेस कोड पर अधिक ध्‍यान है। पिछले दिनों शिक्षामंत्री ओपी सोनी ने शिक्षकों के स्‍कूल में कुर्ता पायजामा पहनने पर पाबंदी लगा दी थी। इससे राज्‍य के अध्यापक भड़क गए हैं और उन्‍होंने इसे पंजाबियत से जोड़ दिया है। शिक्षामंत्री के आदेश के विरोध मेें विभिन्न अध्यापक यूनियनें खुलेआम सामने आ रही हैं।

शिक्षामंत्री के फरमान पर बोले शिक्षक- पंजाब का पहनावा कुर्ता, पाबंदी लगाने वाले नेता क्यों पहनते हैं

अध्यापकों का शिक्षा मंत्री से सवाल है कि उनपर पाबंदी लगाने वाले मंत्री खुद कुर्ता पायजामा क्यों पहनते हैं। रोष जताने के लिए अध्यापक अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। बठिंडा में कुछ दिन पहले एक अध्यापक ने शिक्षा मंत्री के फरमान जारी करने के पहले ही दिन कुर्ता पायजामा डाले अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की। इसी तरह राज्‍य के अन्‍य हिस्‍सों में शिक्षक अपने तरीके से शिक्षा मंत्री के आदेश का विरोध कर रहे हैं।

ड्रेस की पाबंदी से अध्‍यापकों पर पाबंदी लगाए जाने से भड़के अध्‍यापक जता रहे कई तरीके से विरोध

अध्यापक कुर्ता पायजामा को पंजाब के सभ्याचार से जोड़ रहे हैं, उनका कहना है कि कुर्ता पायजामा पंजाब का पहरावा है। उनका कहना है कि जरूरत तो सरकारी स्कूलों की शिक्षा के स्तर को उपर उठाना है न कि पहरावा बदलना है ।

'टीचर्स की स्वतंत्रता का हनन कर रहे शिक्षा मंत्री'

'' पंजाब के शिक्षा मंत्री का तुगलकी फरमान टीचर स्वीकार नही करेंगे। ड्रेस कोड लागू करना शिक्षकों की स्वतंत्रता का हनन है। शिक्षकों को पता है कि उन्हें क्या पहन के स्कूल में आना चाहिए। कुर्ता पायजामा पहन कर बहुत कम टीचर स्कूल आते हैं। लेकिन, कुर्ता-पजामा तो पंजाब का पारंपरिक पहनावा है। ऐसे तो मंत्री कल को महिला टीचर्स के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर देंगे।

                                                                         - मनोज कुमार, महासचिव हिंदी शिक्षक संघ, पंजाब।

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'ड्रेस कोड जारी करना है तो कपड़ा भी दे सरकार'

''शिक्षा मंत्री ओपी सोनी के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू करने का बयान अजीब है। अगर सरकार ड्रेस कोड के लिए कपड़ा देती है तो टीचर्स को पहनने में कोई हर्ज नहीं होगा, लेकिन हम अपनी जेब से ड्रेस नहीं खरीदेगे। इस बयान पर राज्य स्तरीय यूनियन के साथ बातचीत के बाद कदम उठाने के बारे में कोई फैसला किया जाएगा।

                                    - गणेश भक्त, महासचिव, जालंधर सरकारी टीचर यूनियन।

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'पंजाबी सभ्याचार को खत्म करने की साजिश'

सोशल मीडिया पर शिक्षा मंत्री के हुक्मों का विरोध करने वाले कोटडा कोड़ेवाला स्कूल के कंप्यूटर फैकल्टी अध्यापक बलकर्ण सिंह ने कहा कि पंजाबी सभ्याचार के प्रतीक कुर्ता पायजामा को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। खुद मंत्री कुर्ता पायजामा पहनते हैं तो दूसरों पर पाबंदियां क्यों लगाई जा रही हैं। गर्मी के मौसम दौरान कभी-कभी अध्यापक कुर्ता पायजामा पहनते हैं जोकि बहुत ही सामान्य पहरावा है ।

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'पहले स्टाफ की कमी दूर करे सरकार'

'' सरकार को पहले एजुकेशन महकमे में स्टाफ की कमी को दूर करना चाहिए। इस के साथ ही स्कूलों में इंफ्रास्ट्रचर को और बेहतर बनाए जाने की जरूरत है। जहां तक टीचर्स की ड्रेस का सवाल है तो यह लोकतांत्रिक देश है और हर हालात में सभी शिक्षक सम्मानजनक ड्रेस ही पहनते हैं।

                                                            - विक्रम देव सिंह, प्रधान, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट, पटियाला।

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' नेता पहन सकते हैं तो अध्यापक क्यों नहीं, पाबंदी का कारण बताएं शिक्षा मंत्री'

डीटीएफ अध्यापक यूनियन के प्रदेश प्रधान जगसीर सिंह सहोता व मेंबर जगपाल सिंह बंगी ने कहा कि राज्य चलाने वाले सियासी लोग संसद व विधानसभा में खुद कुर्ता पायजामा पहनकर जा सकते हैं तो अध्यापकों पर यह पाबंदी क्यों? उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में लोग अपना पहरावा पहनकर सरकारी संस्थानों में काम करते हैं। पाबंदी लगाने से पहले शिक्षामंत्री को इसका कारण बताना होगा। स्कूल में पहरावे का नहीं बल्कि पढ़ाने वाली शैली का असर पड़ता है। इसलिए शिक्षक कुर्ता पायजामा डालें या फिर पेंट शर्ट पहनें, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

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बठिंडा में डीईओ ने अपने पूरे कार्यकाल में पहना था कुर्ता पायजामा

बठिंडा के कई अध्यापकों ने बताया कि कुछ सालों पहले जिले के शिक्षा अधिकारी रहे गुरदेव सिंह ने अपने पूरे कार्यकाल दौरान कुर्ता पायजामा पहनकर ही नौकरी की थी। वह कुर्ते पायजामे में डिप्टी डीपीआइ से सम्मान योग्य पद से सेवामुक्त हुए थे। शिक्षकों का कहना हे कि उस समय जब इस पहरावे से नफरत नहीं की गई तो अब यह हुक्म क्यों जारी किया गया है।

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यह सुनाया था शिक्षा मंत्री ने फरमान

पंजाब के शिक्षामंत्री ओपी सोनी।

शिक्षा मंत्री ओपी सैनी ने 11 जुलाई को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में शिक्षा विभाग और पंजाब शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की बैठक ली थी।  इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल है इसलिए वे पेंट शर्ट में ही स्कूल जाएं न कि कुर्ता पायजामा में। उन्होंने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में पेंट शर्ट की बजाय कुर्ता पायजामा डालकर जाने वाले अध्यापकों पर शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा।

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चंडीगढ़ में अध्‍यापिकाओं को सूट या साड़ी में स्‍कूल अाने का फरमान

दूसरी ओर, चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग ने शिक्षिकाओं को स्कूल में ट्राउजर, प्लाजो व लेगिंग पहनकर न आने का फरमान सुनाया। विभाग का मानना है कि इससे स्कूल का माहौल खराब होता है। सूट या फिर साड़ी पहनकर शिक्षिकाएं स्कूल जाएं। इस मुद्दे पर शिक्षा सचिव बंसी लाल शर्मा और डिप्टी डायरेक्टर वोकेशनल (डीडीवी) आमने-सामने हो गए। डीडीवी जहां कपड़ों पर गाइडलाइन जारी करने को कह रही थीं, वहीं शिक्षा सचिव इससे इंकार कर रहे थे । इसी खींचतान के बीच डीडीवी सुमन शर्मा ने क्लस्टर हेड को ड्रेस से जुड़ा उक्त जारी कर दिया।

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