बायोमीट्रिक मशीनें उतरने के पहले ही दिन लेट पहुंचे डॉक्टर व स्टाफ

अस्पतालों में बायोमीट्रिक हाजरी लगाने के डॉक्टरों का विरोध करने के बाद सेहत विभाग ने घुटने टेक दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Oct 2019 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 09:05 PM (IST)
बायोमीट्रिक मशीनें उतरने के पहले  ही दिन लेट पहुंचे डॉक्टर व स्टाफ
बायोमीट्रिक मशीनें उतरने के पहले ही दिन लेट पहुंचे डॉक्टर व स्टाफ

जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी अस्पतालों में बायोमीट्रिक हाजरी लगाने के डॉक्टरों का विरोध करने के बाद सेहत विभाग ने घुटने टेक दिए हैं। विभाग की डायरेक्टर ने करीब दस दिन मशीनों की खराबी का हवाला देते हुए हाजिरी रजिस्टर पर लगाने का फरमान जारी किया था। इसके बाद वीरवार को सरकारी अस्पताल में बायोमिट्रिक मशीनें उतरने के बाद डॉक्टरों व स्टाफ की लेटलतीफी का सिलसिला दोबारा शुरू हो गया। हालांकि बायोमीट्रिक मशीनें लगने से डॉक्टर पर स्टाफ समय पर ड्यूटी पर पहुंचने लगा था। सेहत मंत्री रहे ब्रह्म मोहिंदरा ने डॉक्टरों व स्टाफ की लेटलतीफी रोकने के लिए राज्य भर के सरकारी अस्पतालों व सिविल सर्जन दफ्तरों में बायोमीट्रिक हाजरी लगाने के आदेश जारी किए थे। मंत्रिमंडल बदलने के साथ ही सेहत विभाग डॉक्टरों व स्टाफ की मनमानी के आगे झुक गया और बायोमीट्रिक मशीनें उतरवा दी। अस्पताल में आठ बायोमीट्रिक मशीनें लगवाई गई थी।

वीरवार को सिविल अस्पताल में मशीनें उतरने के पहले ही डॉक्टरों व स्टाफ का लेटलतीफी का सिलसिला दोबारा शुरू हो गया। सिविल अस्पताल में ओपीडी शुरू होने का समय सुबह आठ बजे से है और 8.20 बजे तक केवल 20 फीसदी स्टाफ ही पहुंचा था। ओपीडी, ईएनटी, हड्डी रोग माहिर तथा चमड़ी रोग माहिर की ओपीडी में डॉक्टर नहीं पहुंचे थे। करीब पौने नौ बजे तक 80 फीसद स्टाफ पहुंचा। वहीं, ओपीडी से छुट्टी का समय दोपहर दो बजे का है और 1.40 बजे से डॉक्टर अपनी कुर्सी छोड़कर अस्पताल से निकलने लगे थे। वहीं नर्सिंग स्टाफ का सुबह 7.30 बजे पहुंचने का समय है और 50 फीसद के करीब स्टाफ 20-30 मिनट देरी से ड्यूटी पर पहुंचा। ड्यूटी पर इमानदारी से समय पर आने वाले स्टाफ के सदस्य सुबह और दोपहर को बायोमीट्रिक मशीनों वाली जगह पर पहुंचे तो पता चला सुबह मशीनें उतरवा दी गई हैं और हाजरी रजिस्टर पर लगेगी। सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनदीप कौर का कहना है कि सुबह कुछ डॉक्टर सीधे वार्ड में राउंड करने व ऑपरेशन थियेटर में चले जाते हैं। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि डॉक्टरों व स्टाफ की समय पर हाजरी को सुनिश्चित बनाने के लिए एसएमओज की जांच के लिए ड्यूटी लगाई जाएगी।

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