डीसी ने कहा- लोग घबराएं नहीं, ज्यादा टेस्ट होने के कारण सामने आ रहे केस

डीसी और पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जिले में कोविड -19 से प्रभावित लोगों की चेन का पता लगाया जा चुका है। बाकी संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए संजीदा प्रयास किये जा रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2020 08:57 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2020 08:57 PM (IST)
डीसी ने कहा- लोग घबराएं नहीं, ज्यादा टेस्ट होने के कारण सामने आ रहे केस
डीसी ने कहा- लोग घबराएं नहीं, ज्यादा टेस्ट होने के कारण सामने आ रहे केस

जालंधर, जेएनएन। जिले में वीरवार को 7 नए पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जिले के लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से जिले में ज्यादा टेस्ट करने के कारण नए केस सामने आ रहे हैं। लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए और कर्फ़्यू नियमों का पालन करके अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। 

दोनों अफसरों ने कहा कि जिले में कोविड -19 से प्रभावित लोगों की चेन का पता लगाया जा चुका है। बाकी संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए संजीदा प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि शहर निवासियों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें घरों में रहने की जरूरत है। 

कई इलाकों से निकाला फ्लैग मार्च

डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर ने गुरु नानक मिशन चौक, स्काईलार्क चौक, नाम देव चौक, प्रैस क्लब चौक, श्रीराम (नेहरू गार्डन) चौक, भगवान वाल्मीकि (ज्योति) चौक, शास्त्री चौक, बीएमसी चौक, बीएसएफ चौक, पीएपीचौक, रामा मंडी, नंगल शामा, लद्धेवाली, प्रताप पेलैस, लम्मा पिंड चौक, संतोखपुरा, किशनपुरा चौक, दोमोरिया पुल, रेलवे स्टेशन, मंडी रोड, मदन फ्लोर मिल चौक, नेहरू गार्डन आदि में फ्लैग मार्च निकाला। 

जिले में अब तक कुल 1400 टेस्ट किए गए

डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकालने के दौरान बताया कि जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की पहचान के लिए 1400 टेस्ट किये गए हैं। उन्होंने बताया कि इन में से 60 केस पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 6 को इलाज उपरांत अस्पताल से छुट्टी दी गई है जबकि दो व्यक्तियों की मौत हो गई है। उन्होने कहा कि 54 व्यक्ति पूरी तरह तंदुरुस्त थे जिन में कोविड -19 के लक्षण नहीं पाये गए थे परन्तु वह भी पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होने कहा कि यदि इन लोगों की समय पर पहचान ना होती तो यह सभी शहर के लिए बडा खतरा बन सकते थे। अब इन मरीजों के आईसोलेट होने से शहर में खतरा कुछ कम हुआ है।

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